प्रयागराज की आलोचना पर आदित्यनाथ ने किया पलटवार

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इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने की आलोचना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  पलटवार किया है। उन्होंने अपने फैसले को सही ठहराते हुए विपक्ष पर चुटकी ली। उन्होंने कहा, “लोग कह रहे हैं कि क्यों नाम बदल दिया, नाम से क्या होता है?
मैंने कहा कि तुम्हारे मां-बाप ने तुम्हारा नाम रावण या दुर्योधन क्यों नहीं रख दिया?” सीएम योगी ने एक कार्यक्रम में कहा, “नाम का काफी महत्व होता है। इस देश के अंदर सबसे अधिक नाम राम से जुड़ते हैं।
मैं मानता हूं कि अनुसूचित समाज में सबसे अधिक नाम राम से जुड़ा है। हर वक्त अपने साथ राम जोड़ते हैं। नाम का ही महत्व है। यह नाम ही हमारी गौरवशाली परंपरा के साथ जोड़ता है। इसमें प्रयागराज नाम क्यों नहीं होगा?”
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने 16 अक्टूबर को इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ करने के  प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। लोकभवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री डॉ.सिद्धार्थनाथ सिंह ने मीडिया को बताया था कि
इलाहाबाद अब से प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा था कि, “इलाहाबाद की पौराणिक पहचान के दृष्टिगत जिले का नाम प्रयागराज किए जाने को कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है।

नाम परिवर्तन से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ऋगवेद, महाभारत और रामायण में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है।”
उन्होंने यह भी कहा था, “सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए।
जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी, तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए । सभी साधु संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी थी।”
शहर का नाम बदले जाने की आलोचना पर भाजपा नेताओं ने विरोधियों की आलोचना भी की थी। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए आज कहा था कि जिस मानसिकता से अकबर ने प्रयागराज का नाम इलाहाबाद किया था,
उसी मानसिकता के लोग आज उसका नाम प्रयागराज होने पर विरोध कर रहे हैं। भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा था, ”अकबर ने करीब 400 वर्ष पूर्व प्रयागराज का नाम बदल कर इलाहाबाद किया था।
आज उस भूल को सुधारने का काम भाजपा सरकार ने किया है।” उन्होंने नाम बदले जाने का विपक्षी दलों द्वारा विरोध किये जाने संबंधी एक सवाल पर कहा था,
”जिस मानसिकता से 15वीं शताब्दी में अकबर ने नाम परिर्वितत किया था, उसी मानसिकता के लोग आज इलाहाबाद का नाम प्रयागराज होने पर विरोध कर रहे हैं।
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