बदल गये धरती के भगवान, एक महीने बाद आयी पीएम की सुध

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  • 12 नवम्बर को मिला था अज्ञात शव
  • एम्बुलेन्स लेकर पहुंची थी जिला अस्पताल
  • मामला सुर्खियों में आने के बाद गले शव का किया पीएम
  • एक 25 दिन दूसरा शव 6 दिन रखा रहा डीप फ्रीजर में 
महोबा 7 दिसम्बर। कार्यप्रणाली बदलने से धरती के भगवान कि प्रतिष्ठा धूमिल होने लगी है और जनता जनार्दन के बीच इनका बरकरार सम्मान भी दरकने लगा है संवेदनाएं तो इनके बीच से जैसे छूमंतर हो रही है। दरअसल यहां एक अदभुत और चौकाने वाला मामला सामने आया है कोई एक महीने पहले एक अज्ञात शव मिला था, जिसे मुर्दा घर में डीप फ्रीजर में रखने के बाद वे उसका शवविच्छेदन करना ही भूल गये मामला सुर्खियों में आया तो स्वास्थ्य महकमें की नींद टूटी और गल चुके शव का उन्होंने पीएम किया।
12 नवम्बर 2020 को एक अज्ञात शव मिला था। इसे एम्बुलेन्स द्वारा जिला अस्पताल लेकर आया गया था। यहां पहुंचने के बाद शव को विच्छेदन के बजाय डीप फ्रीजर में रख दिया गया था, स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कहते है कि अज्ञात शव प्राप्त होने के बाद उसका पीएम तीन से चार दिन के उपरान्त इसलिये किया जाता है ताकि उसकी शिनाख्त हो सके और वह ज्ञात हो सके। लेकिन अंधेर की बात यह है कि सप्ताह के एक चार दिन नही बल्कि अनेक चार दिन गुजर गये और डीप फ्रीजर में रखा शव विच्छेदन को तरसता रहा। बीते रोज यह मामला अचानक सुर्खियों में आया तो स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया और उसने आनन-फानन में पीएम की प्रक्रिया आरम्भ कर दी है। दरअसल लापरवाही का यह मामला पहला नही है अभी कुछ दिन पहले एक अज्ञात शव और मिला था बताया जाता है कि उसे भी यहां एम्बुलेन्स लेकर आयी थी और उस अज्ञात शव का पोस्टमार्टम भी बीती रात किया गया, दरअसल इस मामले ने तूल पकड़ा तब स्वास्थ्य विभाग की छपकी टूटी और उसने पीएम की प्रक्रिया को अपनाया।
धरती के भगवान जन साधारण के बीच असीम सम्मान हासिल करते है, और यह सम्मान उन्हें उनके दायित्वों और कर्तव्यों को लेकर जन सामान्य द्वारा दिया जाता है लेकिन बीते कुछ वर्षो में उनका यह सम्मान जन साधारण के बीच से खत्म सा हो रहा है। कारण यह है कि जिस सौम्य, सरल और मृदु भाषी अपनत्व व्यवहार के लिये धरती के भगवान मरीज और तीमारदारों के बीच अपनी पहचान कायम किये थे अब उसमें धुधलका आना शुरू हो गया है। संवेदनाएं तो जैसे इनके बीच से लोप हो रही है और बदले में धनलिप्सा की चाहत पनपने लगी है। नही तो और क्या बात थी कि शव को डीप फी्रजर में रखने के बाद उसके पीएम की सुध हल्ला गुल्ला मचने के बाद ली गयी।
इनसेट
महोबा। बोले जिम्मेदार
बोले जिम्मेदार मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. आरपी मिश्रा कहते है एक अज्ञात शव 12 नवम्बर को आया था और उसे डीप फ्रीजर में रख दिया गया था। उनका कहना है कि अमूमन अज्ञात शव मिलने के बाद उसका पीएम तीन से चार दिन के बाद किया जाता है, स्वास्थ्य विभाग ऐसा इसलिये करता है कि ताकि अज्ञात की पहचान हो सके। जब उनसे इस मामले में पत्रकारों ने सवाल दागा कि इस अज्ञात मामले में इतना विलम्ब कैसे हुआ तो बजाय उचित जबाव देने के वे चुप्पी साध गये।
राष्ट्रीय जजमेंट के लिए महोबा से काजी आमिल की रिपोर्ट

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