नेतृत्व का संकट : कांग्रेस नही कर पा रही निर्णय-‘कौन बनेगा का अध्यक्ष’

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भोपाल,। कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी ही दो राय है. एक धड़ा राहुल गांधी और दूसरा सोनिया गांधी के समर्थन में हैं. दिग्विजय सिंह सहित बड़ी तादाद में नेता राहुल को अध्यक्ष पद पर दोबारा देखना चाहते हैं. लेकिन कुछ का मानना है कि सोनिया गांधी ही बेहतर नेता हैं.
नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी ही दो राय, एक धड़ा राहुल और दूसरा सोनिया गांधी को बनाना चाहता है अध्यक्ष
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ा था. लंबी कश्मकश के बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन सोनिया गांधी के 1 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद नेतृत्व को लेकर संकट बढ़ता नजर आ रहा है. कांग्रेस के कई बड़े नेता राहुल गांधी के दोबारा लीड करने की मांग कर चुके हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सबसे आगे हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि सोनिया ही कमान संभाले रहें. इनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति शामिल हैं.और भी कई नेता अब यह मान रहे हैं कि पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष का ऐलान हो जाना चाहिए. पूर्व मंत्री उमंग सिंघार पहले ही राहुल गांधी को पार्टी की कमान देने की मांग रख चुके हैं.
राहुल बनाम सोनिया
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी की मुखरता का समर्थन करते हुए उनको दोबारा पार्टी लीड करने की सलाह दी है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाला उपचुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में ही होगा. पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी को ही चीफ मान रहे हैं. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, राहुल गांधी ने 2019 के चुनाव की हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ा था जो एक उदाहरण है. पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा यह पार्टी हाईकमान तय करेगा.पूर्व मंत्री उमंग सिंघार भी राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने की मांग रख चुके हैं.लेकिन इनसे अलग कांग्रेस के सीनियर लीडर एन पी प्रजापति ने सोनिया गांधी के हाथ में ही कमान रहने को सही ठहराया है. प्रजापति ने कहा कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व की कमान सोनिया गांधी के हाथ में है. ऐसे में नये हाथों में कमान सौंपने का सवाल ही नहीं उठता है.
बीजेपी का तंज
कांग्रेस में नेतृत्व संकट को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है. पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष गांधी परिवार से ही होगा और गांधी परिवार के हाथ में नेतृत्व से पार्टी के ये हालात हैं.
कई चुनौतियां
कांग्रेस में नेतृत्व संकट के साथ ही कई तरह की चुनौतियां हैं. पार्टी स्टैंड लेने में ज्यादा वक्त लगा देती है. प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर कई तरह के फैसले दिल्ली से होना हैं. ऐसे में दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व की कमजोरी एमपी के उपचुनाव को भी प्रभावित कर सकती है. यही कारण है कि एम पी के नेता अब पूर्णकालिक अध्यक्ष की कमी महसूस कर रहे हैं.

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