महेन्द्र कुमार त्रिपाठी हत्या मामला, पूरा परिवार ख़त्म करने की थी साज़िश, संदिग्ध मौत की गुत्थी सुलझी
भोपाल | बैतूल में पदस्थ रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ( एडीजे ) महेन्द्र कुमार त्रिपाठी और उनके पुत्र अभिनय राज की मौत का मामला हत्या में बदल गया है। जज की महिला मित्र उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहती थी, लेकिन छोटा बेटा आशीष राज त्रिपाठी और पत्नी बच गए। पुलिस ने बुधवार को पूरे मामले का राजफाश कर दिवंगत एडीजे की महिला मित्र और वारदात में मददगार बने उसके पांच साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।
बैतूल की पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया रीवा जिले की मूल निवासी छिंदवाड़ा मे रह रही एनजीओ संचालिका संध्या सिंह से एडीजे त्रिपाठी के 10 वर्ष से संबंध थे और उसका उनके घर भी आना-जाना था।कुछ दिनों से एडीजे परिवार को अधिक समय दे रहे थे, जिससे संध्या स्वयं को अकेला महसूस करने लगी। कुछ लेनदेन को लेकर भी दोनों के बीच कटुता बढ़ गई थी। इससे नाराज होकर संध्या ने एडीजे और उनके परिवार को खत्म करने की साजिश रची।
महिला मित्र द्वारा दिये जहरीले आटे की रोटियां खाने से हुई थी जज एवं बेटे की मौत
बैतूल। जिला न्यायालय बैतूल में पदस्थ अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश महेन्द्र कुमार त्रिपाठी एवं उनके युवा बेटे अभिनय राज त्रिपाठी की चार दिन पहले हुई संदिग्ध मौत का पर्दाफाश करने में पुलिस को सफलता मिली है। बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक बैतूल सिमाला प्रसाद ने पूरे मामले से पर्दा उठाकर सनसनीखेज खुलासा किया। पुलिस द्वारा पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि मृतक जज श्री त्रिपाठी की महिला मित्र द्वारा दिये जहरीले आटे की रोटियां खाने से एडीजे श्री त्रिपाठी सहित उनके बेटे की मौत हुई थी।
पुलिस के मुताबिक मृतक जज की पत्नी एवं बेटों के उनके साथ बैतूल आकर रहने से महिला मित्र का एडीजे के साथ मेलजोल नहीं हो पा रहा था। साथ ही महिला मित्र को दी गई राशि एडीजे श्री त्रिपाठी द्वारा वापिस मांगने पर दोनों में विवाद चल रहा था। जिससे आक्रोशित महिला मित्र संध्या सिंह ने घर में सुख-शांति लाने एवं कष्ट निवारण के लिए एडीजे श्री त्रिपाठी को झांसा देकर तांत्रिक किया वाला जहरीला आटा दिया गया।
महिला मित्र द्वारा दिये गये जहरीले आटे की रोटियां खाने से एडीजे श्री महेन्द्र त्रिपाठी सहित उनके बेटे अभिनय राज की मौत हो गई। पुलिस ने एडीजे श्री त्रिपाठी एवं उनके बेटे की हत्या के मामले में उनकी महिला मित्र संध्या पति संतोष सिंह सहित छ: आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 328, 307 एवं 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया है। पत्रकार वार्ता में बैतूल एसडीओपी विजय पुंज भी मौजूद थे।
मृतक एडीजे के महिला मित्र के साथ 10 वर्षो से थे संबंध
एडीजे महेन्द्र त्रिपाठी एवं उनके युवा पुत्र की हत्या के मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया कि मृतक एडीजे के आरोपी महिला मित्र संध्या सिंह निवासी रीवा से लगभग 10 वर्षो से संबंध थे। जिसकी जानकारी एडीजे की पत्नी सहित अन्य परिजनों को भी थी। एडीजे की महिला मित्र छिंदवाड़ा में एनजीओ संचालित करती थी। बताया जाता है कि एडीजे श्री त्रिपाठी अपनी महिला मित्र का खर्च भी वहन करते थे साथ ही एनजीओ संचालित करने के लिए उसे आर्थिक मदद भी करते थे। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि एडीजे श्री त्रिपाठी अक्सर महिला मित्र से मिलने उसके छिंदवाड़ा स्थित निवास पर जाया करते थे एवं महिला मित्र संध्या सिंह भी एडीजे से मिलने उनके कालापाठा स्थित शासकीय आवास पर आया करती थी। पुलिस अधीक्षक बैतूल ने बताया कि दिवंगत एडीजे महेन्द्र त्रिपाठी की मोबाइल सीडीआर में महिला मित्र संध्या सिंह के साथ उनकी लगातार बातचीत के प्रमाण मिले है।
उल्लेखनीय है कि मृतक एडीजे महेन्द्र त्रिपाठी की पत्नी ने मार्च माह में स्टाफ नर्स पद से बीआरएस लेने के बाद वह दोनों बेटे के साथ अपने पति के पास रहने बैतूल आ गई थी एवं लॉक डाउन के चलते एडीजे की पत्नी घर पर ही रह रही थी। जिससे महिला मित्र संध्या सिंह का एडीजे से मिलना जुलना कम हो गया था। मामले की विवेचना में यह भी सामने आया था कि एडीजे श्री त्रिपाठी महिला मित्र का पूरा खर्च उठाते थे तथा उसे अक्सर आर्थिक मदद भी करते थे।
एडीजे द्वारा महिला मित्र से उसे दी गई राशि मांगने पर दोनों में मनमुटाव चल रहा था। पुलिस के मुताबिक एडीजे की पत्नी के बैतूल आने से मेलजोल में आ रही रूकावट एवं लेनदेन को लेकर चल रहे विवाद से आक्रोशित महिला मित्र संध्या सिंह ने एडीजे को घर में सुख शांति लाने एवं कष्टों के निवारण के लिए तांत्रिक क्रिया कर आटा देने का झांसा देकर अपने ड्रायवर सहित अन्य लोगों के साथ षडयंत्र रचकर एडीजे श्री त्रिपाठी को जहरीला आटा थमा दिया।
एडीजे महेन्द्र त्रिपाठी एवं युवा बेटे की संदिग्ध मौत
