कानपुर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस नहीं सुलझा सकी 32 दिनों में अपहरण का मामला, युवक की मौत

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कानपुर की एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस 32 दिनों में एक अपहरण का मामला नहीं सुलझा सकी। पुलिस ने परिजनों से तीस लाख की फिरौती भी दिलवा दी पर उन्हें बेटा नहीं मिला। इसके बाद पुलिस पूरे मामले को टरकाती रही आखिर में जब खुलासा हुआ तो पता चला कि दोस्तों ने रूपयों के लिए अपहरण कर हत्या कर दी और लाश नदी में फेंक दी।
बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (28) का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर  किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी।
बृहस्पतिवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे में लाया। इसके बाद उसे बंधक बना लिया।
चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी। इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया। तीन दिन बाद 29 जून की शाम को संजीत के पिता चमन सिंह यादव को फोन कर फिरौती मांगी गई। परिजनों ने पुलिस के कहने पर मकान, जेवर बादि बेचकर जैसे तैसे 30 लाख रुपयों की व्यवस्था की और 13 जुलाई को अपहर्ताओं के सौंप दिए लेकिन पुलिस
अपहर्ताओं को नहीं पकड़ पाई और वे 30 लाख लेकर भाग गए।
कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि संजीत की उसके दोस्तों ने ही अपहरण के बाद हत्या कर दी। मुख्य आरोपी समेत चार पकड़े गए हैं। पूछताछ में उन्होंने घटना कबूली है और शव पांडु नदी में फेंकने की जानकारी दी है। इस पर शव की तलाश के लिए पीएसी के गोताखोर लगाए गए हैं। देररात तक सर्च चलती रही। हत्या अपहरण के चार दिन बाद कर दी गई थी। फिरौती की कॉल हत्या के बाद की गई।

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