डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि ले लिया फैसला, एक लाख विद्यार्थियों को देनी होगी परीक्षा

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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के शैक्षणिक सत्र 2019-20 की मुख्य परीक्षा में शामिल स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष के करीब एक लाख छात्र-छात्राओं को बाकी परीक्षाएं देनी होंगी। सेमेस्टर पाठ्यक्रमों में भी अंतिम सत्र के विद्यार्थियों की परीक्षा कराई जाएगी। वहीं, स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष और परास्नातक प्रथम वर्ष व सेमेस्टर के बाकी सत्रों के विद्यार्थियों की परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी। इनको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के आधार पर प्रोन्नति दी जाएगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल की अध्यक्षता में गुरुवार को परीक्षा समिति की बैठक अतिथि गृह में हुई। इसमें तय किया गया कि परीक्षा के संबंध में यूजीसी की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। 15 सितंबर के बाद अंतिम वर्ष और अंतिम सत्र के छात्र-छात्राओं की परीक्षा परिस्थिति को देखते हुए कराई जाएगी।
लाख विद्यार्थियों का परीक्षा  परिणाम होगा जारी
शैक्षणिक सत्र 2019-20 में करीब चार लाख विद्यार्थी पंजीकृत थे। बैठक में तीन लाख विद्यार्थियों के परिणाम जारी करने पर भी निर्णय लिया गया। स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष व परास्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की जिन प्रश्नपत्रों की परीक्षा हो गई है, उनकी कापियों का मूल्यांकन कराया जा रहा है। उस प्रश्नपत्र के प्राप्तांक विद्यार्थी को यथावत मिलेंगे।
स्नातक और परास्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अब द्वितीय वर्ष की परीक्षा देनी होगी। उसके प्राप्तांक का औसत निकालकर प्रथम वर्ष के उन प्रश्नपत्रों में अंक दिए जाएंगे, जिनकी परीक्षा नहीं हुई है। उधर, स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष की परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर उन प्रश्नपत्रों में औसत अंक दिए जाएंगे, जिनकी परीक्षा नहीं कराई जा सकी। उसी के आधार पर प्रोन्नति दी जाएगी। यही व्यवस्था सेमेस्टर पाठ्यक्रमों में भी लागू होगी।
आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्री-पीएचडी कोर्स का परिणाम 
विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति में निर्णय लिया गया कि प्री-पीएचडी कोर्स की परीक्षा नहीं कराई जाएगी। आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्र-छात्राओं को पास या फेल किया जाएगा। पास विद्यार्थी को पीएचडी एलॉट हो जाएगी, आगे की कार्यवाही की जाएगी। प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में कुल 815 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। सभी विश्वविद्यालय के निर्णय का इंतजार कर रहे थे। मार्च में परीक्षा प्रस्तावित थी। लॉक डाउन घोषित होने से परीक्षा स्थगित कर दी गई थी।
एमफिल और पीएचडी का वायवा ऑनलाइन माध्यम से भी होगा
एमफिल और पीएचडी के छात्र-छात्राओं का लंबित वायवा ऑनलाइन माध्यम से भी कराया जाएगा। परीक्षा समिति ने गुरुवार को इस निर्णय पर मुहर लगा दी। इच्छुक छात्र-छात्राएं ऑनलाइन वायवा दे सकेंगे। कमेटी में कुलपति या उनकी ओर से नामित सदस्य शामिल होगा। वीडियो रिकार्डिंग भी कराई जाएगी। वहीं, जो विद्यार्थी ऑफलाइन वायवा देना चाहते हैं, दे सकते हैं, उसके लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

 

सोनू सिंह राष्ट्रीय जजमेंट सम्बादाता आगरा –

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