28 साल पुराने प्रकरण में 20 साल से फरार मुजरिम गिरफ्तार ,कोविड-19 नियमों से बेंडर कर रहे खिलवाड़
जबलपुर यश भारत- थाना प्रभारी घमापुर शैलेष मिश्रा ने बताया कि राजू पिता सुमेर जाटव उम्र 43 वर्ष निवासी बल्दीकोरी की दफाई घमापुर को वर्ष 1992 मंे धारा 457,380 भादवि के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था, माननीय न्यायालय से जमानत पर रिहा होने के बाद तारीख पेशी पर मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश न होने पर जुलाई वर्ष 2001 मे राजू जाटव का गैर म्यादी वारंट जारी किया गया था कई बार घर में दबिश दी गई पूछताछ पर पत्नि द्वारा कहा जाता था कि पता नहीं कहाॅ चले गये हैं।
लाॅक डाउन के चलते वारंटी के घर पर दबिश दी गई एक व्यक्ति मिला व्यक्ति के बारे मे पतासाजी की गयी तो फरार गैरम्यादी वारंटी राजू जाटव उम्र 43 वर्ष निकला, पूछताछ पर बताया कि नागपुर में रहकर काम कर रहा था, वह जबलपुर में 1-2 दिन रूककर रात में वापस पुनः नागपुर चला जाता था। राजू जाटव को थाने मंे लंबित गैर म्यादी वारंट मे विधिवत गिरफ्तार कर मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश करते हुये जेल भेज दिया गया।
उल्लेखनीय भूमिका- वारंटी को पतासाजी कर गिरफ्तार करने में प्रधान आरक्षक राजेन्द शर्मा आरक्षक सुनील, दिनेश, राजकुमार, मोहित की सराहनीय भूमिका रही।
जंक्शन में सुरक्षा से खिलवाड़, वेंडर नहीं करते कोविड-19 के नियमों का पालन
सतना जंक्शन में इन दिनों सुरक्षा मानकों के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ती हैं। वेंडरों को निर्देश देने के बाद भी कोविड-19 के नियमों का पालन नही किया जाता है। बताया जाता है कि यदि कोई ट्रेन में कोरोना संक्रमित के सम्पर्क में वेंडर आता है तो उसका खामियाजा उसके साथ-साथ शहरवासियों को भी उठाना पड़ सकता है। बताया है कि मुम्बई- गुजरात जैसे कोरोना हॉट स्पाट शहरों से यात्री ट्रेनों में सफर कर रहे हैं।
सतना जंक्शन में वेंडरों द्वारा जमकर लापरवाही बरती जाती है। न तो खाद्य पदार्थ बेंचते समय मास्क लगाया जाता और न ही ग्लब्स। इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग नियम की भी जमकर धज्जियां उड़ती हैं। कई वेंडरों के ट्रेन के अंदर तक जाकर खाद्य पदार्थ बेंचने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखों में पट्टी बांधे बैठे हैं। बताया जाता है कि रेलवे ने वेंडरों के ट्रेन के अंदर खाद्य पदार्थ के बेंचने में रोक लगा रखी है लेकिन ज्यादा मुनाफे कमाने के चक्कर में ये वेंडर निर्देश के बाद भी नहीं मानते। इतना ही नहीं यात्रियों से ओव्हर चार्जिंग भी करते हैं। ट्रेन छूटने के डर से यात्री इनकी शिकायत भी नहीं कर पाते।
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बताया जाता है कि लॉक डाउन के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू होते ही स्टाल संचालकों के साथ आरपीएफ- जीआरपी एवं कामर्शियल विभाग के अधिकारियों की संयुक्त रूप से मीटिंग कर स्टेशन में कोविड-19 के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए थे। कुछ दिनों तक हालात सामान्य थे लेकिन अब व्यवस्था फिर बेपटरी हो गई है। बताया जाता है कि अवैध वेंडरों की भी शिकायतें सामने आ रही हैं।
