तीमारदारों ने केजीएमयू में किया बवाल, डॉक्टरों से की अभद्रता
उत्तर प्रदेश ,लखनऊ | केजीएमयू में गुरुवार को तीमारदारों ने जमकर बवाल काटा।
पहले तो इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर सीनियर डॉक्टर भूपेंद्र सिंह से अभद्रता की।
बीच-बचाव करने आए जूनियर डॉक्टर धर्मेंद्र को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
इससे उनकी एक हाथ की हड्डी टूट गई।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी दो तीमारदारों को हिरासत में ले लिया है।
केजीएमयू प्रशासन देर शाम तक मामले की जांच कराने की बात करता रहा।
ब्लड कैंसर से पीड़ित आलमबाग निवासी युवक को उसके घरवाले केजीएमयू के हीमेटोलॉजी विभाग लेकर आए।
भर्ती से पहले डॉक्टरों ने मरीज की कई जांचें कराई, जिसमें ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई।
मरीज को सोमवार को शताब्दी अस्पताल के चौथे तल स्थित हीमेटोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया।
डॉक्टरों ने परिजनों से बताया कि मरीज के इलाज के लिए उसका बोनमैरो ट्रांसप्लांट करना ही अंतिम विकल्प होगा।
गुरुवार दोपहर बाद परिजन मरीज को सही इलाज न मिलने की शिकायत लेकर डॉक्टरों से भिड़ गए।
बहस के बीच मरीज के परिवार की एक महिला ने सीनियर रेजीडेंट डॉ. भूपेंद्र सिंह को पकड़ा
और तीन अन्य लोगों ने उनसे धक्का-मुक्की शुरू कर दी। डॉ. भूपेंद्र ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की
और साथियों व सुरक्षा कर्मियों को आवाज दी।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए राजी नहीं थे तीमारदार
हंगामे व मारपीट का पता चलते ही जूनियर रेजीडेंट डॉ. धर्मेंद्र वहां आ गए
और बीच बचाव का प्रयास करने लगे। आरोप हैं कि तीमारदारों ने डॉ. धर्मेंद्र को पकड़कर पिटाई कर दी।
इससे डॉ. धर्मेंद्र के हाथ की हड्डी टूट गई।
पुलिस ने दो तीमारदारों को पकड़ा, लेकिन मौका पाकर एक तीमारदार भाग निकाला।
मरीज का इलाज करने वाले सीनियर रेजीडेंट डॉ. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मरीज के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई।
मरीज को बताया जा चुका था कि ब्लड कैंसर के इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट करना ही होगा,
लेकिन वह इसके लिए राजी नहीं थे।
मरीज को लगातार खून चढ़ाया जा रहा था, लेकिन उसका हीमोग्लोबिन पांच से अधिक नहीं हो रहा था।
घरवालों का पता था कि मरीज की हालत गंभीर है इसके बावजूद वह इलाज में लापरवाही को लेकर बहस कर रहे थे।