कुशीनगर झोलाछाप डॉक्टरों और अधोमानक दवाओं की जाल मे फंसे उच्च स्तरीय अधिकारी मौन

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कुशीनगर जनपद में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। बिना किसी डिग्री के ही ये भोले-भाले मरीजों का इलाज
कर, ठगने‌ व मौत को दावत देने का कार्य कर रहे हैं। बाजार के आधा‌ दर्जन से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों का
धंधा खूब चल रहा‌ है।
इन डाक्टरों के पास न तो कोई डिग्री है और न ही स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस। अधिकांश
के पास तो‌ इंटरमीडिएट का‌ ‌भी प्रमाण पत्र नहीं है।अनुभव के आधार पर ही इनकी डाक्टरी चल रहीं है।
बीमारी मामूली हो या गम्भीर एक से दो बोतल चढ़ाना और लम्बी दवाओं की सूची थमा देना इनके बाएं हाथ का
खेल है ।
कमीशन के चक्कर में ये रोगियों को विभिन्न ब्रांड की अधोमानक दवाएं खरीदने पर मजबूर कर रहें हैं
| जनपद के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के थाना-बिशुनपुरा,सेवरही व तरयासुजान क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले कस्बों,
बाजारों,व चौराहों पर वर्तमान में भारी कमीशन पर अधोमानक दवाएं अधिकांश मेडिकल स्टोरों पर खुलेआम
बिक रही है।ये दवाएं मरीजों को न तो फायदा कर रही है

 

और न ही नुकसान, अलबत्ता दवा का असर न होने से रोगियों का मर्ज घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार एंटीबायोटिक ग्रुप की लगभग दो दर्जन अधोमानक दवाएं क्षेत्र की कुछ दवा की दुकानों पर
उपलब्ध हैं। मेडिकल व्यवस्था से जुड़े कई करीबी सूत्रों ने बताया कि इन दवाओं की बिक्री पर चालीस प्रतिशत
(४० प्रतिशत) तक कमीशन रहता है।

 

जबकि ब्रांडेड कंपनियों की दवा में कमीशन पन्द्रह से बीस प्रतिशत (१५-२०)प्रतिशत ही रहता है। विभागीय
अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं। अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो इस कोरोना काल में
आम लोगों की नैया कैसे पार होगी ?अब देखना यह है कि उच्च स्तरीय अधिकारी जांच कर कार्यवाही करते हैं
कि नहीं

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