भारतीय रेलवे- लॉकडाउन में लौटे प्रवासी मजदूरों को ग्रह क्षेत्र में ही मिलेगा काम

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नई दिल्ली. कोरोना के चलते बेरोजगार होकर गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को रेलवे गांव के आसपास ही काम दिलाएगा। रेलवे के प्रोजेक्ट डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर (डीएफसी) का काम देश के गुजरात, बिहार और राजस्थान समेत 9 राज्यों के 55 जिलों में चल रहा है, जिसके लिए मजदूरों की जरूरत है। इसलिए डीएफसी प्रोजेक्ट ने संबंधित जिले के प्रशासन को पत्र लिखकर काम के इच्छुक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का कहा है।

काम के अनुसार श्रमिकों को मुफ्त में ट्रेनिंग भी दी जाएगी। रेलवे केवल मालगाड़ियों के लिए 3360 किमी. ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर का निर्माण करा रहा है। 9 राज्यों के 55 जिलों में ईस्टर्न और वेस्टर्न कोरिडोर का निर्माण चल रहा है। वेस्टर्न कोरिडोर जेएन पोर्ट (महाराष्ट्र) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक 1504 किमी. और ईस्टर्न कोरिडोर साहनेवाल (पंजाब) से दानकुनी (पश्चिमी बंगाल) तक 1856 किमी. लंबा है। लॉकडाउन के दौरान करीब 22 हजार श्रमिक सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए काम कर रहे थे।

राज्यों के इन क्षेत्रों में मिलेगा काम

  • राजस्थान: अजमेर, जयपुर, पाली, सीकर और सिरोही में मिलेगा काम
  • बिहार: औरंगाबाद, गया, कैमूर, न्यू कास्था और रोहतास के कामगारों को फायदा
  • गुजरात: अहमदाबाद, आणंद, कनासकास्था, भरूच, मेहसाणा, नवसारी, सूरत, वडोदरा
  • हरियाणा: अंबाला, फरीदाबाद, महेन्द्रगढ़, नूंह, पलवल, रेवाड़ी, यमुनानगर
  • झारखंड: धनबाद, गिरीध, कोडरमा
  • महाराष्ट्र: पालघर, रायगढ़, ठाणे
  • पंजाब: फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, पटियाला
  • उत्तरप्रदेश: अलीगढ़, औरेया, बुलंदशहर, चंदौली, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, हाथरस, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, मेरठ, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, सहारनपुर
  • पश्चिम बंगाल: हुगली, पश्चिमी वर्धमान, पूर्वी वर्धमान

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