गढ़चिरौली में 24 घंटे के भीतर दूसरा नक्सली हमला

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महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में बीच चुनाव नक्सल हमले ने शासन-प्रशासन को दहलाकर रख दिया है. चौबीस घंटों के भीतर दूसरे नक्सली हमले में 16 जवानों के शहीद होने की बुरी खबर है.
इससे पहले गढ़चिरौली के ही कुरखेड़ा में नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे 27 वाहनों को फूंक दिया था. खास बात है कि देशभर में चुनाव जारी हैं और सुरक्षाबल मुस्तैदी से जुटे हैं. अगर इतनी सख्त सुरक्षा के बीच नक्सल घटनाएं हो रही हैं तो ये वाकई खतरे की घंटी बजाने के लिए काफी है. इससे पहले भी नक्सली हिंसक वारदातों से लोगों को थर्राते रहे हैं.
मनमोहन सरकार में तो नक्सलियों का तांडव ज़बरदस्त था लेकिन मोदी सरकार ने नक्सलियों की रीढ़ तोड़ने का जो दावा किया था वो भी अब झूठा दिख रहा है. आइए जानते हैं पिछले पांच सालों में उन बड़े नक्सल हमलों के बारे में जिन्हें अंजाम दिया गया.
9 अप्रैल 2019– दंतेवाड़ा के लोकसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले नक्सलियों ने बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की कार पर धावा बोला था. मंडावी के साथ इस हमले में चार जवान शहीद हो गए.
4 अप्रैल 2019– छत्तीसगढ़ के कांकेर में नक्सलियों ने मुठभेड़ में बीएसएफ के 4 जवानों को शहीद कर दिया. ये हमला तब हुआ जब बीएसएफ की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी.
30 अक्टूबर 2018– छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सलियों ने मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया था. दूरदर्शन की टीम के एक कैमरामैन की इस हमले में जान चली गई. टीम की सुरक्षा में लगे दो जवान भी शहीद हुए थे.
13 मार्च 2018– सुकमा में एंटी लैंडमाइन व्हीकल में सवार जवानों पर भी नक्सलियों ने हमला किया था. 9 जवानों की जान चली गई थी. ये सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन में तैनात थे. नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट से घटना को अंजाम दिया था.
25 अप्रैल 2017- छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने हमला करके 26 जवानों को शहीद कर दिया था. जीरम घाटी के बाद ये सबसे बड़ी वारदात थी. देश को इस वारदात ने हिलाकर रख दिया था.
11 मार्च 2017– छत्तीसगढ़ के भेज्जी में सीआरपीएफ की 219वीं बटालियन पर निशाना साधकर नक्सलियों ने 11 जवानों को शहीद कर दिया था.
मार्च 2017– दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने लैंडमाइन बिछाई थी. जैसे ही जवान रास्ते से गुज़रे ब्लास्टहो गया. इस हमले में 7 जवान शहीद हुए थे.
अप्रैल 2015- ये हमला भी नक्सलियों के गढ़ दंतेवाड़ा में ही हुआ था. बारुदी सुरंग की चपेट में आकर 4 जवान शहीद हो गए थे.
22 मार्च 2015– ये कुख्यात हमला लातेहार में हुआ था. इसमें लातेहार-लोहरदगा की सीमा पर स्थित मुरमू गांव को निशाना बनाया गया था. एक बीजेपी नेता और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के दो भाइयों और भतीजे की हत्या कर दी गई थी. इस हमले को करीब सौ लोगों ने अंजाम दिया था.
अगस्त 2014– मोदी सरकार के आते ही नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोला था. गोलीबारी में सीआरपीएफ के तीन जवान घायल हो गए थे.

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