राष्ट्रीय जजमेंट
बांदा: उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा के कोतवाली नरैनी में वर्ष 2005 में तैनात रहे सिपाही भाई लाल (वर्तमान में मुख्य आरक्षी, जनपद खीरी) के खिलाफ गंभीर धाराओं में नया मुकदमा दर्ज किया गया है। सिपाही पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार अधिनियम समेत डकैती, मारपीट और अन्य अपराधों से जुड़े पुराने मुकदमे में खुद को दोषमुक्त दिखाने के लिए न्यायालय का फर्जी आदेश तैयार कर विभाग को सौंप दिया था। इसी जाली आदेश के आधार पर उन्हें प्रमोशन भी मिल गया। अब उनकी जेल जाने की नौबत आ गई है।कोतवाली नरैनी को दी गई शिकायत के मुताबिक वर्ष 2005 में सिपाही भाई लाल के खिलाफ धारा 12(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, IPC की धारा 452, 323, 504, 506, 325, 295, 120बी में मुकदमा दर्ज हुआ था। विभागीय जांच के दौरान उन्होंने सीओ नगर बांदा को 28 जून 2016 का एक ‘दोषमुक्ति आदेश’ सौंपा, जिसे न्यायालय का बताया गया था। बाद में जब इस मामले की अपडेट रिपोर्ट नरैनी थाने और न्यायालय से मांगी गई तो सच का खुलासा हुआ। थाना नरैनी के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मुकदमे में जांच के बाद भाई लाल के खिलाफ फाइनल रिपोर्ट न्यायालय भेजा जा चुका है, जिसमें अभी आरोप तय भी नहीं हुए हैं। मामले की अगली तारीख 20 जुलाई 2020 तय दिखाई। इस पर पीठासीन अधिकारी/सीओ सदर ने आपत्ति दर्ज की। जांच में पाया गया कि भाई लाल का दोषमुक्ति आदेश फर्जी है। इसकी पुष्टि 12 जून 2024 को कोर्ट से मिली रिपोर्ट के जरिए हुई।फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर फायदा उठाने, विभाग को धोखा देने और प्रमोशन हासिल करने के आरोप में पुलिस अधीक्षक बांदा पलाश बंसल के निर्देश पर आरोपी मुख्य आरक्षी (हेड कांस्टेबल) भाई लाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। एसपी पलाश बंसल ने बताया कि आरोपी हेड कांस्टेबल फिलहाल खीरी जिले में तैनात है। मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की जाएगी।
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