‘दिनेश’ कहें आओ हम मिलकर राहुल के सपनों का भारत बनाएं

आंधी है, तुफान है वो, देश के हर वर्ग की सशक्त आवाज है वो, जन जन का लाडला नेता हैं वो।

उसकी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से सत्ता में बैठे संत्री-मंत्री तक जवाब देते घूमते हैं।

उसको गिराने की हजारों कोशिशे करी गई फिर भी हर बार आंधी की तरह लौटकर आया वो।

जितना तुम उसको गिराने की कोशिश करोंगे वो उतनी ही दौगुनी रफ्तार से सामने खड़ा मिलेगा।

सच है कि वो राजनीति के मैदान में मात खा जाता है, फिर भी हर बार डटकर मुकाबला करता है वो। क्योंकि उसने हालातों से लड़कर अपने पैरों पर खड़े होने का हुनर सीख लिया है।

जाकर कह दो सत्ता में बैठे हुक्मरानों से, समय करवट बदल रहा है, कि सत्ता के अहंकार में अपना राजधर्म ना भूलें।

नहीं तो सत्ता में बैठे हुक्मरानों एक दिन इस शेर की आंधी की लहरें तुम्हें सत्ता से उखाड़ फेंकेगी, और वो कोई और नहीं उसका नाम राहुल गांधी है।

‘दिनेश’ कहें आओ हम मिलकर राहुल के सपनों का भारत बनाएं, जहां पर नफ़रत को भी प्यार से हराया जाएं।

रचना – दिनेश पुरोहित

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