शाहदरा में हिंदी पखवाड़ा 2025 का भव्य समापन: जागरूकता और पुरस्कार वितरण समारोह में उमड़ा जनसैलाब

नई दिल्ली: दिल्ली के शाहदरा जिला पुलिस ने हिंदी पखवाड़ा 2025 का समापन 15 सितंबर को एक भव्य मेगा जागरूकता और पुरस्कार वितरण समारोह के साथ किया। डीसीपी शाहदरा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस मौके पर स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षक, आरडब्ल्यूए, एनजीओ, पुलिस कर्मी, अभिभावक और सैकड़ों उत्साही छात्रों ने शिरकत की।

1 से 15 सितंबर तक चले इस पखवाड़े का उद्देश्य हिंदी दिवस का उत्सव मनाने के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता फैलाना था। 5000 से अधिक प्रतिभागियों, जिसमें छात्र, झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र के युवा, गैर-औपचारिक शिक्षा केंद्र और पुलिस कर्मी शामिल थे, ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया। इनमें राजभाषा अधिनियम पर निबंध लेखन, कविता और एमसीक्यू प्रतियोगिताएं, साथ ही साइबर अपराध, नशा रोकथाम, नौकर/किरायेदार सत्यापन और सीसीटीवी उपयोग पर जागरूकता कार्यक्रम शामिल थे।

डीसीपी शाहदरा ने अपने संबोधन में प्रतिभागियों की प्रशंसा की और कहा, “भाषा वह सेतु है जो समुदायों को जोड़ता है। युवा नशे से दूर रहें, साइबर खतरों के प्रति सतर्क रहें और अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस के साथ सहयोग करें।”

एडिशनल डीसीपी शाहदरा, जिन्होंने इस पहल की रूपरेखा तैयार की और समन्वय किया, उन्होंने कहा, “डीसीपी शाहदरा के मार्गदर्शन और स्वतंत्रता के कारण यह जिला-स्तरीय जन आंदोलन संभव हुआ। स्कूलों, आरडब्ल्यूए, एनजीओ और पुलिस की संयुक्त मेहनत से हिंदी पखवाड़ा एक सच्चा जनसंपर्क अभियान बन गया।”

दीप मान ग्रुप द्वारा साइबर जागरूकता, नशा रोकथाम, रोल मॉडल, स्कूलों/बाजारों में सीसीटीवी और किरायेदार सत्यापन पर पैंटोमाइम शो। एसआई अजय भट्ट द्वारा छात्रों और अभिभावकों के लिए साइबर अपराध पर प्रस्तुति। झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों, बाजारों और कॉलोनियों में नुक्कड़ नाटकों के जरिए नशा-मुक्त जीवन, आंखें और कान योजना और जन सहयोग का संदेश। 250 विजेताओं (125 छात्र और 125 पुलिस कर्मी) को विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का समापन डीसीपी शाहदरा द्वारा शपथ ग्रहण के साथ हुआ, जिसमें सभी ने हिंदी को बढ़ावा देने, साइबर-सुरक्षा बनाए रखने, नशे से दूर रहने और शाहदरा को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस के साथ सहयोग करने का संकल्प लिया।

प्रतिभागियों ने इस पहल की जमकर सराहना की और इसे पुलिस-समुदाय साझेदारी का एक अनुकरणीय मॉडल बताया।

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