केंद्रीय मंत्री का ऐलान: भलस्वा लैंडफिल का कचरा अगले साल गांधी जयंती तक खत्म, कर्मचारियों को पांच हज़ार रुपये इनाम और स्वास्थ्य जांच

नई दिल्ली: केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को सेवा पखवाड़े के तहत दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट का दौरा किया और वहां चल रहे लीगेसी कचरे के निस्तारण कार्य का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि भलस्वा में जमा 45 लाख मीट्रिक टन कचरे को अगले साल 2 अक्टूबर तक पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने इस कार्य की प्रगति की निगरानी स्वयं करने की बात कही और दिल्ली की तीनों प्रमुख लैंडफिल साइट्स—भलस्वा, गाजीपुर और ओखला—को कचरा मुक्त करने की जिम्मेदारी ली।

सेवा पखवाड़ा: स्वच्छता और पर्यावरण पर जोर 

सेवा पखवाड़ा 17 सितंबर, यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से शुरू होकर 2 अक्टूबर, महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस तक चलेगा। इस दौरान स्वच्छता अभियान, ‘एक पेड़ मां के नाम’ मुहिम, रक्तदान शिविर, और अन्य सामाजिक-पर्यावरणीय गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। मनोहर लाल ने बताया कि 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर एक बड़ा स्वच्छता कार्यक्रम होगा। उन्होंने ‘एक दिन, एक घंटा, एक साल’ अभियान के तहत नागरिकों से अपने घर, कार्यालय और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए योगदान देने की अपील की।

वृक्षारोपण और कर्मचारियों की हौसला-अफजाई

भलस्वा लैंडफिल साइट पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ मुहिम के तहत वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह, उप-महापौर जयभगवान यादव, स्थायी समिति की अध्यक्षा सत्या शर्मा, निगमायुक्त अश्वनी कुमार, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मनोहर लाल ने लैंडफिल साइट पर काम करने वाले निगम कर्मचारियों, कचरा निस्तारण कंपनी के कर्मचारियों और कूड़ा गाड़ी चालकों की मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा, “ये लोग कठिन परिस्थितियों में भी पूरे समर्पण से काम कर रहे हैं।” इन कर्मचारियों को 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि और स्वास्थ्य जांच की सुविधा देने की घोषणा की गई ताकि उनकी सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या का समय पर पता लग सके।

भलस्वा लैंडफिल: 25 एकड़ जमीन खाली, बनेगा बंबू गार्डन

मनोहर लाल ने बताया कि बायो-रेमेडिएशन के जरिए भलस्वा लैंडफिल साइट पर 25 एकड़ जमीन खाली कराई गई है। इसमें से 5 एकड़ पर बंबू गार्डन बनाया जा रहा है, जबकि शेष 20 एकड़ पर स्वच्छता से जुड़ी मशीनरी स्थापित की गई है। पहले ताजा और लीगेसी कचरे का निस्तारण एक ही जगह हो रहा था, लेकिन अब ताजा कचरे को अलग से निपटाने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को भलस्वा लैंडफिल के निस्तारण कार्य में साझीदार बनाया गया है।

कचरे का उपयोग: पर्यावरण और निर्माण में योगदान  

निस्तारित कचरे का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है। कचरे से निकले इनर्ट का उपयोग यूईआर-2 (अर्बन एक्सटेंशन रोड-2) के निर्माण में, रिफ्यूज-डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) का सीमेंट फैक्ट्रियों में ईंधन के रूप में, और कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (सीएंडडी) कचरे का टाइल्स निर्माण में हो रहा है। इसके अलावा, कचरे से बनी कंपोस्ट खाद का उपयोग डीडीए और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के पार्कों में किया जा रहा है। मनोहर लाल ने कहा कि यह समस्या 1980 से चली आ रही थी, जो अब वैज्ञानिक तरीके से हल हो रही है।

दिल्ली सरकार का संकल्प: कचरे से मुक्त राजधानी

दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने कहा, “दिल्ली को कचरे के पहाड़ों से मुक्त कर स्वच्छ और विकसित राजधानी बनाने का संकल्प तेजी से पूरा हो रहा है।” उन्होंने बताया कि तीनों लैंडफिल साइट्स पर 50% से अधिक कचरे का निस्तारण हो चुका है। महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि भलस्वा लैंडफिल की ऊंचाई 15 मीटर कम की जा चुकी है। पहले यहां 73 लाख मीट्रिक टन कचरा था, जो अब घटकर 43 लाख मीट्रिक टन रह गया है। उन्होंने कहा, “प्रतिदिन नया कचरा आने के बावजूद कचरे की मात्रा कम हो रही है। हमारा लक्ष्य एक साल में भलस्वा को कचरा मुक्त करना है।”

नागरिकों से अपील: स्वच्छता को बनाएं संस्कार 

मनोहर लाल ने नागरिकों से स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “1980 से चला आ रहा यह कचरे का पहाड़ मुझे हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए भी चुभता था। अब हम इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने दिल्ली के मंत्रियों से भी किसी एक संस्था को साझीदार बनाकर स्वच्छता अभियान में योगदान देने का आग्रह किया।

त्योहारों में स्वच्छता, पर्यावरण की बहाली 

मनोहर लाल ने कहा कि नवरात्रि और दशहरा जैसे त्योहारों के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने देश के 1,470 चिन्हित लीगेसी कचरा डंपों को साफ करने की राष्ट्रीय मुहिम का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट्स इस दिशा में मिसाल बनेंगी। दिल्ली को न केवल स्वच्छ, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक आकांक्षाओं को दर्शाने वाली राजधानी बनाने का संकल्प दोहराया गया।

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