दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का औचक निरीक्षण, रैन बसेरों की सुविधाओं का लिया जायजा

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गर्मी के चरम महीनों में बेघर लोगों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को ब्रिटानिया चौक फ्लाईओवर के पास स्थित एक रैन बसेरे का औचक निरीक्षण किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने आश्रय गृह की सुविधाओं का गहन आकलन किया और निवासियों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को समझा।

मुख्यमंत्री ने आश्रय गृह में स्वच्छता, पेयजल, बिजली, शौचालय, बिस्तर, और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने निवासियों से उनकी समस्याओं और जरूरतों के बारे में बातचीत की। निरीक्षण के बाद रेखा गुप्ता ने कहा, दिल्ली में किसी को भी सड़कों पर सोने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए, चाहे कोई भी मौसम हो। हमारी जिम्मेदारी है कि हर आश्रय गृह सुरक्षित, सम्मानजनक और सभी जरूरी सुविधाओं से सुसज्जित हो।

उन्होंने अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए कि स्वच्छ पेयजल, कार्यात्मक शौचालय, मौसम के अनुकूल बिस्तर, पंखे, और कूलर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, आश्रय गृहों में उचित प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा उपायों को लागू करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल आश्रय प्रदान करना नहीं, बल्कि बेघर लोगों को सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है।

मुख्यमंत्री ने आश्रय गृहों में भोजन की गुणवत्ता की सख्त निगरानी और नियमित निरीक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य बेघर लोगों को केवल छत नहीं, बल्कि एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है। इसके लिए हमें आश्रय गृहों को बेहतर और मानवीय बनाना होगा। सीएम ने दिल्ली भर के आश्रय गृहों में सुविधाओं को उन्नत करने के लिए एक व्यापक योजना की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री का यह कदम बेघरों की भलाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, वहीं डूसिब रैन बसेरों के ध्वस्तीकरण और स्थानांतरण को लेकर प्रतिबद्ध हो ऐसा प्रतीत होता है। हाल ही में डूसिब ने सराय काले खां और आनंद विहार में आठ रैन बसेरों को स्थानांतरित करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। यह पहली बार नहीं है जब डूसिब ने रैन बसेरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया हो; इससे पहले भी जी-20 सम्मेलन के दौरान सौंदर्यकरण नाम पर ध्वस्तीकरण और दांडी पार्क में सांप-बिच्छुओं के खतरे का हवाला देकर डूसिब ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सीएम कहते हैं कि रैन बसेरे सुरक्षित, सम्मानजनक और सभी जरूरी सुविधाओं से सुसज्जित हो ताकि दिल्ली में किसी को भी सड़कों पर सोने के लिए मजबूर न होना पड़े, वही डूसिब रैन बसेरों के ध्वस्तीकरण और स्थानांतरण को लेकर लगातार प्रयत्नशील रहता हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More