दिल्ली के सरोजिनी नगर मार्केट में चला बुलडोजर, आधी रात हुई कार्रवाई के बाद व्यापारियों का हुआ ये हाल

राष्ट्रीय जजमेंट

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है। अतिक्रमण के विरोध में और इसे हटाने के लिए विभाग की टीम ने सरोजिनी नगर बाजार में अभियान चलाया है, जिससे व्यापारियों में गुस्सा है।एनडीएमसी की टीम ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाकर दुकान के आगे लगे विस्तार, शामियाने, साइनेज और प्रतिष्ठानों द्वारा लगाए गए पर्मनेंट संरचनाओं को हटाया। हालांकि व्यापारियों ने कहा कि इस कार्रवाई से पहले नोटिस नहीं दिया गया। इस कारण व्यापारियों ने अभियान पर आपत्ति जताई है। व्यापारियों ने ये भी दावा किया कि एनडीएमसी के इस कदम से 150 दुकानें प्रभावित हुई हैं।सरोजिनी नगर मिनी मार्केट व्यापारी संघ के अध्यक्ष अशोक रंधावा की मानें तो बाजार बंद होने और व्यापारियों के चले जाने के बाद रात करीब 11 बजे नगर निगम की बुलडोजर और प्रवर्तन टीमें बाजार में पहुंचीं थी। उन्होंने कहा, “एनडीएमसी की टीम ने रात 11.30 बजे से सुबह 1 बजे के बीच उन्होंने लगभग 150 दुकानों के शामियाने, साइनेज और दुकानों के सामने के हिस्से को ध्वस्त कर दिया।”संघ के अध्यक्ष ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अगर व्यापारी संघ ने इस कार्रवाई में हस्तक्षेप न किया होता तो स्थानीय व्यापारियों को बहुत अधिक नुकसान हो सकता था। रंधावा ने कहा, “दिल्ली के सभी बाजारों में धूप और बारिश से बचाव के लिए शामियाने का इस्तेमाल किया जाता है।” एनडीएमसी ने एक बयान में कहा, “हम शहरी क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त बनाए रखने और विजिटर्स के लिए बाजार, फुटपाथ और सार्वजनिक क्षेत्रों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए अतिक्रमण के विरोध में अभियान चला रहे है। इस पहल के हिस्से के तौर पर एनडीएमसी ने रात में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों को पुनः प्राप्त करना और शहरी पहुंच को बढ़ाना है।”

सरोजिनी नगर मार्केट एसोसिएशन के महासचिव अशोक कालरा ने कहा कि शामियानें का इस्तेमाल किया जाता है जो कि मौसम से बचाव में महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, ‘दो दिन पहले ही हमने वरिष्ठ नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक की थी। मगर इस कार्रवाई को अंजाम देने से पहले व्यापारियों को कोई चेतावनी नहीं दी गई। विक्रेताओं को अपना सामान हटाने के लिए नोटिस दिया गया था क्योंकि इससे आग लगने का खतरा था, लेकिन अवैध विक्रेताओं के खिलाफ अभियान की आड़ में दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया। सभी प्रकार के विस्तार के साथ साइनेज हटा दिए गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि एनडीएमसी के इस कदम का हम विरोध करेंगे।

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