आईये जाने क्या है मुसेवाला हत्या कांड का पूरा मामला

नई दिल्ली : पंजाब में हुई गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में पकड़े गए शूटरों ने चौंकाने वाले खुलासे पुलिस के समक्ष किए हैं. उन्होंने बताया है कि किस तरह इस हत्याकांड के लिए साजिश रची गई और कैसे उन्होंने हत्या को अंजाम दिया. इस हत्याकांड के लिए दो अलग मॉड्यूल बनाए गए थे. जो कनाडा में बैठे गोल्डी बरार के संपर्क में थे. हत्या के बाद उन्होंने गोल्डी बरार को बताया था कि ‘काम हो गया’.

विशेष आयुक्त हरगोविंद सिंह धालीवाल ने बताया कि इस हत्याकांड के लिए कई महीनों से साजिश रची जा रही थी. इसके लिए गोल्डी बरार को मैसेज भेजा गया था. उसने हत्याकांड के लिए कई मॉड्यूल तैयार किए थे. ये मॉड्यूल सिद्धू मूसेवाला पर नजर रखते थे. ताकि मौका मिलते ही उसे मौत के घाट उतारा जा सके. स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए प्रियव्रत उर्फ फौजी ने खुलासा किया है कि उसने अपने साथियों के साथ कई बार मूसेवाला की रेकी की, लेकिन इस रेकी के दौरान वह पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में रहा. जिसकी वजह से वह उसकी हत्या नहीं कर पा रहे थे.
प्रियव्रत ने पुलिस को बताया कि गोल्डी बरार की तरफ से इस हत्याकांड को जल्द अंजाम देने के लिए लगातार दबाव आ रहा था. वारदात वाली शाम उन्हें मुखबिर ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला अपने दोस्तों के साथ थार गाड़ी में सवार होकर निकला है. वह न तो बुलेटप्रूफ गाड़ी में सवार होकर गया है और न उसके साथ पुलिस की सुरक्षा है. उनके लिए यह बेहतरीन मौका था. जब वह हत्या को अंजाम दे सकते थे. इसलिए उन्होंने दो गाड़ियों में सवार होकर मूसेवाला का पीछा किया. बोलेरो गाड़ी में चार शूटर थे, जिसे कशिश चला रहा था. उसके साथ प्रियव्रत, अंकित सिरसा और दीपक मुंडी बैठे हुए थे. कोरोला गाड़ी को जगरूप चला रहा था और उसके साथ मनप्रीत उर्फ मनु बैठा हुआ था.
विशेष आयुक्त ने बताया कि सबसे पहले कोरोला गाड़ी ने मूसेवाला की गाड़ी को ओवरटेक करके रोका. इसमें से मनप्रीत उर्फ मनु उतरा और उसने असॉल्ट राइफल से पहला बर्स्ट फायर किया. इसके बाद पीछे से बोलेरो में आ रहे शूटरों ने पिस्तौल से ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू किया. 6 शूटरों द्वारा अंधाधुंध गोलियां तब तक चलाई गईं, जब त मूसेवाला ने दम नहीं तोड़ दिया. प्रियव्रत ने पुलिस को बताया कि हत्याकांड से पहले और बाद में वह गोल्डी बरार के संपर्क में था. उसने हत्या के बाद गोल्डी को बताया कि काम हो गया है. इसके बाद वह अपनी बोलेरो कार में सवार होकर फरार हुए और कुछ दूरी पर उसे लावारिस हालत में छोड़ दिया. वहां से केशव की आल्टो कार में सवार होकर वह फरार हुए थे.आरोपियों ने इस हत्याकांड के लिए केवल पिस्तौल और राइफल का इस्तेमाल किया, लेकिन वह अपने साथ ग्रेनेड और डेटोनेटर भी लेकर गए थे. उन्हें किसी भी कीमत पर मूसेवाला को मौत के घाट उतारना था. चाहे इसके लिए उसकी गाड़ी को ही क्यों न उड़ाना पड़ता. हत्या के बाद उन्होंने हरियाणा में ही हथियार छुपा दिए थे. पुलिस सहित विभिन्न जांच एजेंसियों को उनकी तलाश थी. इसलिए वह कुछ दिन फतेहाबाद में ही छिपे रहे. इसके बाद वह गुजरात चले गए थे. वहां एक लोकल डीलर के माध्यम से उन्होंने कच्छ इलाके में किराए पर मकान लिया और छिपकर रहने लगे थे. उन्होंने पुलिस को बताया कि गोल्डी ने अभी उन्हें पंजाब से दूर रहने को कहा था.

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