तंजावुर में एक युवती की आत्महत्या मामले को लेकर अभाविप के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में तमिलनाडु हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़,नई दिल्ली,31,जनवरी 2022।
तमिलनाडु में स्कूल छात्रा ने धर्मपरिवर्तन के दवाब के कारण आत्महत्या के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली में तमिलनाडु सरकार एवं मिशनरी संस्थाओं के विरोध में तमिलनाडु भवन के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया तथा इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को सजा देने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा छात्रों पर लाठी चार्ज किया गया तथा राष्ट्रीय महामंत्री,प्रांत मंत्री, समेत अभाविप के अन्य कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार भी किया गया। इस में कई कार्यकर्ताओं को चोट भी आयी। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया।
गौरतलब हो की कुछ दिन पहले तमिलनाडु के तंजावुर जिले के सेक्रेड हार्ट्स हाई स्कूल की छात्रा लावण्या का स्कूल में ही कार्यरत रैक्लाइन मैरी और सगाया मैरी से मिले जबरन ईसाई धर्म में धर्म परिवर्तन के असहनीय यातना के कारण आत्महत्या का मामला सामने आया था जिसके खिलाफ अभाविप ने पूरे देश भर में जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था एवं छात्रा के न्याय की मांग प्रदेश के राज्यपाल से की थी।
आज के प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु सरकार से इस पूरे प्रकरण की हाइकोर्ट द्वारा निर्देशित सीबीआई जांच के निर्णय को भी शीघ्रातिशीघ्र क्रियान्वित करने की माँग की। प्रदर्शन के दौरान उपस्थित अभाविप के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने कहा की,”लावण्या के न्याय के लिये तमिलनाडु सरकार के खिलाफ आज हमने जोरदार प्रदर्शन किया एवं तमिलनाडु सरकार से जल्द जल्द दोषियों की करवाई करने की मांग तथा हमें जब जब लावण्या के न्याय के के लिए सड़क पर उतरना पड़ेगा हम तब तब सड़क पर उतरेंगे। “
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी जी ने कहा “अभाविप धर्म के नाम पर किये जा रहे ऐसे कुकृत्यों के ख़िलाफ़ सदैव आवाज़ उठाती रहेगी। जिस प्रकार मिशनरी स्कूल द्वारा लावण्या को इतना प्रताड़ित किया गया कि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गई, हमारी लड़ाई तब तक चलेगी जब तक ऐसे काम करने वाले लोगो का अस्तित्व नहीं मिट जाता। हम नमन करते हैं, लावण्या के उस जज़्बे को जिसने मृत्यु स्वीकार की परंतु अपनी सनातन संस्कृति को लज्जित नहीं होने दिया। अभाविप तब तक संघर्ष करेगी, जब तक अपने धर्म के लिए आवाज़ उठाने वाली कोई भी लावण्या, मिशनरियों के कारण असुरक्षित महसूस करती है।”
रिपोर्ट: भावेश पिपलिया 

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