जेएनयू : पीएचडी छात्रा के साथ रेप की कोशिश करने वाला आरोपी गिरफ्तार, छीना गया मोबाइल बरामद

नई दिल्ली,24,जनवरी 2022।

JNU परिसर में 17 जनवरी की रात पीएचडी छात्रा से दुष्कर्म का प्रयास व विरोध करने पर उसका मोबाइल लूटने वाले आरोपित को वसंत कुंज नॉर्थ थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान बंगाल के 24 परगना जिले के बेलियाघाट गांव निवासी अक्षय दोलाई के रूप में हुई है। वह दिल्ली में मुनरिका गांव में किराए पर रहता है। पुलिस ने रविवार को यहीं पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया है। अक्षय के पास से पुलिस ने छात्रा का मोबाइल और वारदात के समय इस्तेमाल स्कूटी और उस समय पहने हुए कपड़े बरामद कर लिए है।

साउथ-वेस्ट दिल्ली के डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि, आरोपी मुनिरका में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रह रहा है। वह 2011 में दिल्ली आया था। वारदात की रात वह नशे में था। यह भीकाजी कामा प्लेस की एक दुकान पर मोबाइल रिपेयरिंग और सिम कार्ड बेचने का काम करता है।
पूछताछ में इसने बताया कि, वारदात के दिन सुबह इसका इसकी पत्नी से झगड़ा हो गया था। पत्नी नाराज होकर मायके चली गई थी। बताया जाता है कि इसने लव मैरिज की थी। उसी दिन शाम को इसने दुकान के मालिक के साथ ड्रिंक की थी। मालिक के जाने के बाद इसने और ड्रिंक की। फिर यह जेएनयू चला गया।

2015 तक इसने टिकट बुकिंग रिजवर्शेन का काम किया। इस नाते इसका जेएनयू टिकटिंग काउंटर पर लगभग हर रोज आनाजाना लगा रहता था। उस रात यह सफेद रंग के स्कूटर से जेएनयू पहुंचा था। वहां इसने तीन लड़कियों को जेएनयू गेट से अंदर जाते देखा। यह नशे में था। इसने उनका पीछा किया और जेएनयू के अंदर चला गया। सभी लड़कियां अपने हॉस्टल में चली गईं। फिर इसने एडमिन ब्लॉक रोड पर घूमना शुरू कर दिया। उसी वक्त पीएचडी की छात्रा वहां सैर करते हुए आई।

अकेली लड़की को देखकर इसने साइड में स्कूटर खड़ा कर लिया। लड़की की ताक में निशाना लगाए कोने में खड़ा रहा। यह देखना चाह रहा था कि, लड़की दौड़ते हुए कहां जाएगी। देखा कि वह ईस्ट गेट की ओर मुड़ गई है। जो सुनसान जगह है। फिर इसने छात्रा का पीछा किया। छात्रा ने सोचा कि यह रास्ता भूल गया है। लड़की ने इसकी मदद करनी चाही, लेकिन इसने छात्रा के साथ रेप की कोशिश की।

हाथापाई के दौरान आरोपी के पैर में भी चोट लगी। छात्रा ने फोन से पुलिस कॉल करने की कोशिश की तो इसने उनका फोन छीना और स्कूटर लेकर भाग गया। उस वक्त टीम के पास कोई क्लू नहीं था। चुनौती कई सारी थी। गेट पर टू वीलर की कोई एंट्री रजिस्टर में नहीं थी। दूसरी सीसीटीवी फुटेज निकालने की कोशिश की गई, तो उनमें पिक्चर साफ नहीं थी।

उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक मामला सुलझा नहीं लिया जाता तब तक हम सोएंगे नहीं। आरोपी को पकड़ने के लिए एक हजार से अधिक कैमरे खंगाले गए। पूरे रूट को देखा गया। तब जाकर यह जानकारी निकलकर आई। वारदात के बाद आरोपी हड़बड़ाकर स्कूटर से जेएनयू के नॉर्थ गेट से नहीं बल्कि वेस्ट गेट से बाहर निकला। इसके बाद यह लेफ्ट मुड़ा। फिर नेलसन मंडेला मार्ग से निकला। यह सड़क रात के वक्त सुनसान रहती है।

पिकेट देखकर यह वहां तीन मिनट रुका। वहां से इसने रॉन्ग साइड से कट लेकर डीसीपी ऑफिस के आगे से निकला। फिर राइट होकर रिंग रोड से निकलते हुए घर पहुंचा। रविवार दिन में यह टीम के सामने अपने घर पहुंचा। तभी पहले से ट्रैप लगाकर खड़ी पुलिस टीम ने इसे पकड़ लिया।
डीसीपी ने बताया कि जेएनयू गेट पर टू वीलर की रजिस्टर में एंट्री नहीं की जाती। फूड डिलिवरी करने वालों और कार वालों की एंट्री होती है। इसका इसने फायदा उठाया।

रिपोर्ट: भावेश पिपलिया दिल्ली 

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