कोरोना के बीच बढ़ा ब्लैक फंगस का खतरा, जानें इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीक

आर जे न्यूज़-

नई दिल्ली | कोरोना संक्रमण के बीच ‘ब्लैक फंगस’ नाम की बीमारी सामने आई है। यह बीमारी कोरोना पीड़ित उन मरीजों को हो रही है जिन्हें डायबिटीज है। यह बीमारी मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा को भी प्रभावित करती है।

देश कोरोना संकट से जूझ ही रहा है। कि इस बीच म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण यानि ब्लैक फंगस का एक और खतरा लोगों पर मंडराने लगा है। यह बीमारी उन कोरोना पीड़ित मरीजों में देखने को मिल रही है। जो डायबिटीज से पीड़ित है। दुर्लभ किस्म की यह बीमारी आंखों में होने पर मरीज की रोशनी भी खत्म कर दे रही है। आईसीएमआर ने बताया है। कि यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। इस बीमारी से शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते है। ऐसे में हम आपको आज बताएंगे इसके खतरे, लक्षण और बचाव के तरीके.

क्या है। ब्लैक फंगस:-

भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, ब्लैक फंगस एक दुर्लभ तरह का फंगस है। यह फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। यह इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है। जो कि कोरोना संक्रमित होने से पहले किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त थे. यह उन्हीं लोगों में देखने को मिल रहा है। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।

क्या इससे मौत होती है।:-

इस बीमारी से मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है। इसके कारण आंखों की रौशनी भी चली जाती है। वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाती है। अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो तो मरीज की मौत हो जाती है।

क्या है। लक्षण:-

यह संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है। जो कि डायबिटीज से पीड़ित है। ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।

काम की सलाह:-

अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखे तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है। कि कोरोना संक्रमण या उसके डर के कारण कई बार लोग बिना डॉक्टरी सलाह के या ज़रूरत से ज़्यादा स्टेरॉयड ले लेते है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने से ब्लैक फंगस का खतरा होता है।

मौजूदा वक्त में इस बीमारी से निपटने के लिए अभी सुरक्षित सिस्टम नहीं है। इसकी दवा की शॉर्टेज या कालाबाज़ारी अभी से ही कुछ जगहों पर होने की खबर आ रही है। ऐसे में विशेषज्ञ बताते है। कि मौजूदा हालत को देखते हुए सतर्कता ही बचाव का एकमात्र कारण है।

मथुरा संवाददाता संजय चौधरी की रिपोर्ट 

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