पूर्व बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को कोर्ट द्वारा करारा झटका

आर जे न्यूज़

प्रदेश सरकार में मंत्री स्वाति सिंह और उनके परिवार की महिलाओं पर अभद्र और अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल में कोर्ट से भगोड़ा घोषित बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को कोर्ट ने जेल भेज दिया। एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने मंगलवार को दोनों आरोपियों की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। नसीमुद्दीन वर्तमान में कांग्रेस के नेता है।

नसीमुद्दीन व राजभर ने आत्मसमर्पण के साथ संपत्ति कुर्की के आदेश को वापस लेने की अजी दी थी। इस पर कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में लेने केबाद कुर्की आदेश वापस ले लिया। तब आरोपियों ने नियमित के साथ अंतरिम जमानत की अर्जी दी। कोर्ट ने अंतरिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट में लगातार हारिज न होने के कारण दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ फरार घोषित कर कुर्की का आदेश जारी किया गया है।

आरोपियों ने कोर्ट को गुमराह करने की नीयत से बिना जमानत कराए हाजिरी माफी की अर्जी दी है। उनकी अग्रिम जमानत अर्जी भी पहले खारिज की जा चुकी है। ऐसे में अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती। तब सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव की अर्जी पर नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 20 जनवरी की तारीख तय की।

पत्रावली के अनुसार मंत्री स्वाति सिंह की सास तेतरा देवी ने 21 जुलाई, 2016 को हजरतगंज में केस दर्ज कराया था। इसमें कहा गया था कि 20 जुलाई को राज्यसभा में बसपा अध्यक्ष मायावती ने उनकी बेटी, बहू व नातिन को अपशब्द कहे। अगले दिन नसीमुद्दीन, राजभर व मेवालाल ने लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान मायावती के कहने पर उनकेपुत्र व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की मां व बहन को अपशब्द कहे। पुलिस ने विवेचना के बाद पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था। हजरतगंज के दरोगा शिवा साकेत सोनकर ने भी एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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