सिंधिया के सामने शिवराज का सरेंडर! सिर्फ दो समर्थकों को बनाया मंत्री

भोपाल। आखिरकार आज 3 जनवरी को शिवराज कैबिनेट का तीसरी बार विस्तार हो गया। शपथ ग्रहण कार्यक्रम आज दोपहर 12:30 बजे राजभवन में शुरु हुआ। इसमें सिंधिया समर्थकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। अभी 4 और पद रिक्त थे लेकिन सिर्फ तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को ही कैबिनेट में शामिल किया गया। जैसे कि पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को पुन: मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नये मंत्रियों एवं मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को पद की शपथ दिलाई ।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मंत्रियों और नए मुख्य न्यायाधीश को शपथ दिलाने के लिए रविवार सुबह 11:45 बजे बजे भोपाल आ गई थी। वे शाम 4 बजे भोपाल से बनारस रवाना हो जाएंगी। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस शपथ समारोह में अतिथियों की संख्या 150 तक सीमित रखी गई है। कैबिनेट विस्तार को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है।

बता दें कि काफी अटकलों के बाद कैबिनेट विस्तार को मंजूरी मिली है। उपचुनाव के नतीजों के बाद से ही विस्तार को लेकर अटकलों का दौर जारी था। कैबिनेट विस्तार को लेकर शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक चार बैंठके की। आखिरकार 1 जनवरी को राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से मंत्रिमंडल विस्तार की अनुमति मिल गई थी।

सूत्रों की माने तो सिंधिया की डिमांड थी कि उनके समर्थक तुलसी सिलावट को जल संसाधन और गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन व राजस्व विभाग मिलना चाहिए हालांकि बीजेपी अब इन दोनों को अन्य विभाग देना चाहती थी, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व और सिंधिया के बीच हुई सहमति के बाद दोनों नेताओं को एक बार फिर उन्हीं विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। लगभग तय है। शिवराज सरकार सत्ता में आने के बाद सिलावट और राजपूत को यही विभाग सौंपे गए थे।

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