भारतीय अर्थव्यवस्था मे सुधार के संकेत, दिसंबर माह मे जीएसटी राजस्व ने सर्वाधिक 1.15 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा किया पार

अर्थव्यवस्था में अब धीरे-धीरे सुधार के संकेत दिख रहे हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से दिसंबर 2020 के दौरान जीएसटी राजस्व सबसे अधिक रहा है और यह पहली बार है जब इसने 1.15 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। जीएसटी संग्रह दिसंबर में 1,15,174 करोड़ रुपये रहा है। यह लगातार तीसरा महीना है, जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। वित्त मंत्रालय ने बताया कि कुल राजस्व में केंद्रीय जीएसटी का योगदान 21,365 करोड़ रुपये रहा। राज्य जीएसटी 27,804 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान एकीकृत जीएसटी 57,426 करोड़ रुपये और उपकर 8,579 करोड़ रुपये रहा।

जीएसटी राजस्व में सुधार के हालिया रुख के अनुरूप दिसंबर में संग्रह का आंकड़ा पिछले साल के समान महीने से 12 फीसदी अधिक रहा है। यह मंदी के दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। इस दौरान पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले माल के आयात से राजस्व 27 फीसदी अधिक रहा और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व आठ फीसदी अधिक रहा। अब तक अप्रैल 2019 के महीने में जीएसटी संग्रह 1,13,866 करोड़ रुपये रहा था, जो उच्चतम स्तर था।

2020-21 में जीएसटी की रफ्तार (करोड़ रुपये में)

अप्रैल – 32,172
मई – 62,151
जून – 90,917
जुलाई – 87,422
अगस्त – 86,449
सितंबर – 95,480
अक्तूबर – 1,05,155
नवंबर – 1,04,963

महामारी से प्रभावित हुआ है जीएसटी राजस्व

चालू वित्त वर्ष में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से जीएसटी राजस्व प्रभावित हुआ है। बीते वित्त वर्ष 2019-20 में 12 महीनों में से आठ महीनों में जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था।

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