21 माह बीते जांच जहां से चली आज भी वहीं अटकी, जांच अधिकारी बदलते गए पर तफ्तीश नहीं बढ़ सकी आगे।

22 जनवरी 2019 को मिला था शहीद पथ के नीचे झाड़ियों के बीच सूटकेस के अंदर महिला का शव

लखनऊ। इक्कीस माह, छह जांच अधिकारी, तफ्तीश जहां से चली वहीं अटक कर रह गई। अब जांच भी ट्रांसफर होकर दूसरे थाने पहुंच गई। लेकिन कोई मतलब नहीं निकल सका। अभी तक महिला की हत्या की गुत्थी सुलझना तो दूर शव की शिनाख्त भी नहीं हो पाई। केस की फाइल गोसाईंगंज से स्थानांतरण होकर सुशांत गोल्फ सिटी थाने पहुंच चुकी है। लेकिन इस केस में पुलिस को कोई कामयाबी मिलती नही दिख रही है। इस केस में एक कहावत चरितार्थ होती दिख रही है ” जहाँ से चले वहीँ अटक कर रह गए।”

आपको बता दे कि गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के इकाना स्टेडियम के पास शहीद पथ के किनारे लगी झाड़ियों में 22 जनवरी 2019 की सुबह एक लाल सूटकेस के अंदर एक महिला का शव मिला था। तत्कालीन इंस्पेक्टर अजय प्रकाश त्रिपाठी ने कई पहलुओं पर जांच करके शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया लेकिन कुछ दिन बाद उनका ट्रांसफर हो गया। इस जांच की जिम्मेदारी व थाने की कमान इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह को सौंपी गई। लेकिन वह भी जांच चल रही है का हवाला देते रहे लेकिन केस में कुछ नहीं कर सके। उनके ट्रांसफर के बाद जिम्मेदारी इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार उपाध्याय को सौंपी गई। लेकिन वह भी इस केस में ज्यादा कुछ नहीं कर सके।

इसके बाद थाने पर हुए फेर बदल के बाद नए थानेदार के रूप में तैनात हुए इंस्पेक्टर धीरेन्द्र कुमार कुशवाहा को मिली। लेकिन कार्यवाई आगे नहीं बढ़ सकी। समय के साथ फाइल दबती चली गई। जनवरी माह में सुशांत गोल्फ सिटी नया थाना बनाया गया, जिसके बाद इस केस का घटना स्थल सुशांत गोल्फ सिटी में आ गया। तब इस केस की पड़ताल नवनियुक्त इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी अजय कुमार सिंह को सौंपी गई। लेकिन उन्होंने केस की फाइल खोल कर भी नहीं देखा।

जब भी उनसे इस संबंध में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो वह टालते रहे। अपराध रोकने में नाकामयाब रहे इंस्पेक्टर अजय को लाइन हाजिर होने के बाद यह जिम्मेदारी थाने के दूसरे थानेदार के रूप में तैनात हुए इंस्पेक्टर सचिन कुमार सिंह को सौंपी गई। देखना ये है कि अब 21 माह बाद इस घटना की तफ्तीश कितनी आगे बढ़ती है। पांच जिम्मेदारों के आगे से गुजर चुकी इस घटना फाइल ज्यो का त्यों थाने में धूल कहा रही है। अब इस घटना के खुलासे के साथ शव की शिनाख्त और अपराधियों की धरपकड़ करना पुलिस के लिए इतना आसान नही होगा।

शव की शिनाख्त न हो इस लिए जलाया गया था चेहरा

सूटकेस में शव भरकर फेकने से पहले हत्यारों ने महिला को मारने के बाद चेहरे को जला दिया जिससे उसकी शिनाख्त न हो सके। शव की पहचान मिटाने के साथ सूटकेस में भरकर शव को ठिकाने लगाने वाले लगता है कि वह पेशेवर कातिल थे। पुलिस को शव भी मिल गया लेकिन तफ्तीश आगे नहीं बढ़ सकी।

इन जिम्मेदारों के सामने से गुजर चुकी है जांच

गोसाईंगंज से सुशांत गोल्फ सिटी जांच पहुंची तो आधा दर्जन जिम्मेदारों ने केस के खुलासे के प्रयास किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। 22 जनवरी 2019 को घटित इस घटना पर तत्कालीन इंस्पेक्टर अजय प्रकाश त्रिपाठी, विजय कुमार सिंह, धीरेंद्र कुमार उपाध्याय , धीरेंद्र कुमार कुशवाहा, सुशांत गोल्फ सिटी इंस्पेक्टर अजय सिंह, जांच कर चुके है। अब जांच की जिम्मेदारी सुशांत गोल्फ सिटी इंस्पेक्टर सचिन कुमार सिंह के जिम्मे है। उनकी माने तो शव की शिनाख्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

बोले जिम्मेदार
महिला के शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया गया लेकिन अभी तक कोई शिनाख्त के लिए थाने नही आया। प्रयास जारी है। शिनाख्त हो सके तो आगे की कार्यवाई और अपराधियों को पकड़ने की कार्यवाई की जा सके।
सचिन कुमार सिंह
इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ।

राघवेंद्र सिंह विशेष संवाददाता राष्ट्रीय जजमेंट लखनऊ

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