मंत्रिमंडल विस्तार : तो क्या शिवराज कैबिनेट से इस्तीफे दे देंगे सभी सिंधिया समर्थक?

0

भोपाल (मध्य प्रदेश ब्यूरो)। उपचुनाव को एक महिने से ज्यादा का समय बीत गया है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिारादित्य सिंधिया की कई बैठके भी हो चुकी है, बावजूद इसके अबतक बहुप्रतीक्षित शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार नही हो पाया है, यहां तक की उपचुनाव के पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के शपथ ग्रहण लेने का मामला भी अधर में लटक गया है, जिसको लेकर कांग्रेस लगातार चुटकी ले रही है।

दरअसल, सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि अगर गोविंद सिंह राजपूतऔर तुलसी राम सिलावट को जल्द ही मंत्रिमंडल मे शामिल नही किया गया तो बाकी के 7 सिंधिया समर्थक भी मंत्रीपद से इस्तीफा दे सकते है।कहा तो यह भी जा रहा है कि शिवराज कैबिनेट में शामिल सात सिंधिया समर्थकों के इस्तीफे को लेकर ज्योतिरादित्य पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी चर्चा कर सकते है।इन्हें अटकलों और कयासों को लेकर कांग्रेस ने सिंधिया और शिवराज की घेराबंदी करना शुरु कर दिया है।

एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा है कि सिंधिया का शिवराज पर भी दबाव शुरू हो गया है। सिंधिया समर्थकों के इस्तीफ़े की अटकलें तेज है।जनादेश बेचकर शिवराज के साथ जाने वाले सिंधिया ने अब शिवराज को अपना असली रंग दिखाना शुरू किया। मलाई बँटवारे में देरी बर्दाश्त करने को नहीं तैयार।शिवराज जी याद रखना ! इतिहास खुद को बार-बार दोहराता है। एमपी कांग्रेस ने आगामी नगरीय निकाय चुनावों में सिंधिया समर्थकों को टिकट मिलने को लेकर लिखा है कि श्रीअंत नगरीय निकाय चुनाव में भी अपने लोगों को टिकट दिलाना चाहते हैं। मक़सद केवल एक है कि जब बीजेपी से अलग हों तो “मलाई” की कमी न रहे। “जनसेवा का असली नाम मलाई-मेवा है।

ट्वीटर के माध्यम से सिंधिया-शिवराज की घेराबंदी

यह पहला मौका नही है, पिछले कई दिनों से कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिवराज और सिंधिया समर्थकों को लेकर हमलावर है। हाल ही में काँग्रेस ने ट्वीट कर लिखा था कि प्रदेश महामारी से मर रहा है, श्रीअंत को मंत्री पद की मलाई चाहिये।महामारी में विधायक बेचें, महामारी में सरकार गिराई, महामारी में मंत्रीमंडल नही बनने दिया, महामारी में 70 हज़ार की भीड़ जुटाई, महामारी में चुनावी रैलियाँ की,महामारी में उपचुनाव करायें।सत्ता की इतनी हवस?

वही अगले ट्वीट में लिखा था कि सिंधिया समर्थकों की अड़ी बाज़ी जारी है। पूरी मलाई दो, नहीं तो सड़क पर उतरेंगे।लोकतंत्र को मलाई का कटोरा समझने वाले सिंधिया और उनके समर्थकों की ये ख़बर लोकतंत्र को लज्जित करती है।शिवराज जी, याद रखना ! जो अपनी मातृ संस्था के नहीं हुये, वो सौदेबाजों के कभी नहीं होंगे।

नए साल में हो सकता है विस्तार

दरअसल, MP उपचुनाव के बाद होने वाले शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार अधर में अटक गया है। वर्तमान में शिवराज कैबिनेट में 28 मंत्री है, संख्या के लिहाज से छह मंत्री और बनाए जा सकते है, इसमें गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी राम सिलावट को मंत्रीपद मिलना तय है, वही अन्य बीजेपी विधायकों को शामिल किया जा सकता है, हालांकि यह अभी तय नही है कि कौन कौन से विधायकों को जगह मिलेगी। एक तरफ सिंधिया का कहना है कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है वही शिवराज का कहना है कि सही समय पर विस्तार कर दिया जाएगा। सुत्रों की माने तो नए साल में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है, चुंकी 28 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु होने वाला है, ऐसे में शिवराज का फोकस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव पर बना हुआ है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More