केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सुप्रीम कोर्ट को प्रदूषण से निपटने के उपायों की देंगे जानकारी

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राष्ट्रीय जजमेन्ट, नई दिल्ली, 07, नवम्बर, 2020।उत्तर भारत में वायु गुणवत्ता की बिगड़ती स्थिति के बीच केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े को एक प्रजेंटेशन देंगे। यह प्रजेंटेशन दीपावली के बाद दिया जाएगा। यह जानकारी खुद नितिन गडकरी ने फिक्की द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयोजित एक कार्यक्रम में दी।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश द्वारा उन्हें 2 घंटे का प्रदूषण से बचने के उपायों को लेकर प्रजेंटेशन देने के लिए आमंत्रित किया है। नितिन गडकरी इकलौते ऐसे मंत्री हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया है। बता दें कि 2020 की फरवरी में उच्चतम न्यायालय ने प्रदूषण को रोकने के लिए नितिन गडकरी से बातचीत करने का फैसला किया था लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से यह संभव नहीं हो पाया था। जिसके बाद अब दीपावली के बाद इस मुद्दे पर राय-मशविरा होगा।
इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई शहर प्रदूषण से जूझ रहे हैं और सरकार ने भी इससे निपटने के लिए अलग से एक आयोग का गठन किया है। इस बीच नितिन गडकरी की प्रधान न्यायाधीश के साथ मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। वह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, प्रदूषण को कम करने के उपाय और अच्छी वायु गुणवत्ता बनी रहे इसको लेकर कई सुझाव दे सकते हैं।
फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत को कम करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि ज्यादा कीमत होने की वजह से लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से परहेज कर रहे हैं और बिक्री कम होने की वजह से लागत भी कम नहीं हो पा रही है। ऐसे में कीमतें कम होने से शुरू में उद्योगों को घाटा होगा लेकिन बिक्री बढ़ने से जल्द ही इसकी भरपाई हो जाएगी।
नितिन गडकरी ने फरवरी में जानकारी दी थी कि वह अपने विचारों को उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। जैसे कि वाहनों के प्रदूषण से कैसे निपटा जाए और जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों से लेकर इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन वाले वाहनों तक धीरे-धीरे कैसे शिफ्ट हुआ जाए। वहीं, केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति पर पर चिंता जताते हुए कहा कि स्वच्छ ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की सख्त जरूरत है।
रिपोर्ट:- भावेश पिपलिया

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