आजमगढ़ कांड: दोषियों से की जाएगी नुकसान की भरपाई, लगेगा एनएसए

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उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात हुई घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना की है। इसमें एक ग्राम प्रधान की हत्या हुई है और दुर्घटना में एक बच्चे की मौत हो गई है।
मुख्यमंत्री ने दोनों के परिजनों को अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट के तहत दी जाने वाली सहायता राशि के अलावा मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि दिए जाने की घोषणा की है। उन्होंने संबंधित थानाध्यक्ष और चौकी इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर उनकी संपत्ति जब्त करते हुए एनएसए लगाने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही इस तरह की घटना के लिए जिले के अधिकारियों के खिलाफ  भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र में शुक्रवार को घर से बुला कर ग्राम प्रधान को गोलियों से भून दिया था। हत्या की खबर पाकर मौके पर पहुंच रही पुलिस की गाड़ी से एक बच्चे की कुचल कर मौत हो गई। दोनों घटनाओं से लोग भड़क गए और बोंगरिया पुलिस चौकी पर धावा बोल कर आग लगा दी।
तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव के प्रधान सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू राम(45) पुत्र सुखराम को कुछ लोगों ने फोन कर गांव स्थित श्री कृष्ण पीजी कॉलेज के पोखरी(तालाब) के पास बुलाया। प्रधान के मौके पर पहुंचते ही पहले से मौजूद लोगों ने प्रधान के सिर में छह गोलियां मार कर हत्या कर दी। इसके बाद हौसला बुलंद बदमाश प्रधान के घर पर पहुंचे और घटना की सूचना देने के बाद आराम से गांव से निकल गए।
प्रधान की हत्या की जानकारी के बाद पुलिस टीम रवाना हो गई। इसी दौरान बोगरिया चौकी के पास पुलिस की गाड़ी की चपेट में आकर गांव के ही सूरज(12) पुत्र जयश्री की भी मौत हो गई। दो-दो घटनाओं से ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। ग्रामीणों की भीड़ ने पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया। पहले तोड़फोड़ की बाद में आग लगा दी। बवाल बढ़ता देख कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई।
एसपी त्रिवेणी सिंह भी मौके पर पहुंच गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तरफ से हवाई फायरिंग भी की गई। जिसके जवाब में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया। शाम साढ़े पांच बजे से शुरू हुआ बवाल देर शाम तक जारी रहा और पुलिस व पब्लिक के बीच लुका छिपी का खेल चलता रहा। अंधेरा होने के चलते पुलिस न तो प्रधान के शव को कब्जे में कर पाई थी न ही हादसे में मृत बालक के शव को ले सकी।

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