उत्तराखंड १६ जुलाई दिन भर की ख़बरें एक नजर में

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भवाली/नैनीताल। हरेला पर्व के पावन अवसर पर मंडलायुक्त अरविन्द सिंह ह्यांकी ने शिप्रा नदी के जल स्त्रोत क्षेत्र में सेनिटोरियम के पास आयोजित वृहद पौधारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग कर विभिन्न प्रकार के पौधों का रोपण किया। उन्होंने सभी नगारिकों को हरेला पर्व की शुभकामनाऐं दी। श्री ह्यांकी के सेनिटोरियम पहुंचने पर नगर पालिका अध्यक्ष संजय वर्मा तथा सभासद ममता बिष्ट द्वारा परम्परागत तरीके से आयुक्त का स्वागत किया।
इस दौरान आयुक्त ह्यांकी ने कहा कि हरेला हरियाली, खुशहाली एवं समृद्धि का प्रतीक होने के साथ ही संस्कृति, परम्परा एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चक्र को स्थिर रखने, जल, जंगल एवं जमीन को बचाये रखने व पर्यावरण को स्वस्थ बनाये रखने के लिए पौधे लगाने के साथ ही इनके संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में भी कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों पर गर्व है जिन्होंने हरियाली एवं पर्यावरण संरक्षण के महापर्व हरेला की शुरूआत की, मौसम परिवर्तन के कारण इस पर्व की महत्ता लगभग पूरे विश्व में महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व पर पौधारोपण के लिए शिप्रा नदी पुर्नजीवन हेतु नदी के जलग्रहण क्षेत्र को चुना गया है।
मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष मानसून सत्र के दौरान विभिन्न प्रजाति के 15 लाख पौधे लगाये गये थे। इस वर्ष 15 लाख से ज्यादा पौधों का रोपण किया जायेगा। वर्तमान समय में वन विभाग की नर्सरी में विभिन्न प्रजाति के इक्कीस लाख पौधे तैयार हैं। जनपद में वृक्षारोपण कार्यक्रम 1 जुलाई से शुरू किया जा चुका है जोकि मानसूनकाल में लगातार चलता रहेगा।
प्रत्येक ब्लाॅक के माध्यम से 27 हजार पौधों का रोपण कराया जा रहा है। इस वर्ष लगभग एक लाख पौधे मनरेगा के माध्यम से भी लगाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि शिप्रा नदी क्षेत्र में 844 लाख लीटर जल संरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षित करने के लिए चाल-खाल निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा इस अवसर पर बांज, बमोर, उदीस आदि के दो हजार पौधों का रोपण किया गया तथा नेपियर, ओंस, मौस, तुषार के घास प्रजाति के बीस हजार पौधों का भी रोपण किया गया।

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