मध्य प्रदेश- पुलिस की पिटाई के बाद किसान दंपत्ति ने कीटनाशक पीकर जान देने की कोशिश की

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गुना

मध्य प्रदेश के गुना में मंगलवार को अतिक्रमण हटाने गई पुलिस ने किसान दंपति की लाठियों से पिटाई कर दी, जिसके बाद किसान दंपति ने कीटनाशक पीकर खुदकुशी की कोशिश की. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना जिले के कलेक्टर और एसपी को फौरन हटाने का निर्देश दिया है. साथ ही इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने वीडियो जारी कर कहा, ‘गुना के कैंट थाना क्षेत्र की घटना का वीडियो देखकर व्यथित हूं. इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों को उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. भोपाल से जांच दल मौके पर जाकर पूरी घटना की जांच करेगा. इसके बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई करेंगे।

कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा-

इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेरा है. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगल राज है? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज.’ उन्होंने कहा, ‘यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है, तो भी उसे कानूनन हल किया जा सकता है, लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है?’   कमलनाथ ने सवाल किया, ‘क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूखदारों द्वारा कब्जा की गई हजारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिए भी शिवराज सरकार दिखाएगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी.’

गुना में मॉडल कॉलेज निर्माण के लिए शासकीय कॉलेज प्रबंधन को 20 बीघा जमीन जगनपुर चक क्षेत्र में आवंटित की गई थी. इस जमीन पर लंबे समय से गब्बू पारदी नाम के व्यक्ति का कब्जा था. कुछ समय पहले राजस्व और पुलिस की टीम ने मिलकर अतिक्रमण हटवा दिया था. साथ ही जमीन को कॉलेज प्रबंधन को सौंप दिया गया था. हालांकि विभाग की लापरवाही की वजह से इस जमीन पर निर्माण नहीं हो सका था, जिसके चलते अतिक्रमणकारियों ने दोबारा जमीन को घेरना शुरू दिया था. बताया जा रहा है कि गब्बू पारदी ने वह जमीन पैसे लेकर कुछ किसानों को दे दी थी, जिसके बाद उन किसानों ने वहां खेती करना शुरू कर दिया था. जब कॉलेज प्रबंधन की शिकायत पर राजस्व और पुलिस विभाग ने फिर मौके पर पहुंचकर जमीन को खाली कराने के लिए कार्रवाई की तो मामला बिगड़ गया. इस दौरान पुलिस ने एक किसान दंपति से मारपीट की, जिसके बाद उन्होंने कीटनाशक दवा पीकर खुदकुशी की कोशिश की. इसके बाद उनको फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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