मध्यप्रदेश : मंत्रिमंडल विभाग बटबारे में दरी उठाने वाला कार्यकर्ता नये बने पोस्टर बॉय से हारा

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हिंदी सिनेमा का चाकलेटी चेहरा अंत तक दर्शकों को लुभाता रहता है । इस दौरान चाहे वो रो रहा हो, विलेन को मार रहा हो या पिट रहा हो या फिर दरख्तों के इर्द-गिर्द प्रेम की पींगे बढ़ा रहा हो । मध्यप्रदेश की राजनीति और ख़ासकर भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय नेतृत्व जो दरी बिछाते बिछाते या रेल्वे स्टेशन पर चाय बेचते हुए गढ़ा गया हो एक चाकलेटी पोस्टर बॉय के आगे नतमस्तक हो गया ।
बात मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों के वितरण की है जिसमें मध्यप्रदेश की ग्वालियर रियासत के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बाजी मारते हुए मलाईदार दूध अपने कब्जे में कर लिया है । अनुशासन और शुचिता से भरी राजनीति करने का दंभ भरते हुए देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं को हकालने वाली भारतीय जनता पार्टी का अनुशासन और शुचिता तार तार कर दी गई ।
भारतीय राजनीति में हिटलरनुमां राजनीति के पर्याय बन गये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और मोदी-शाह की राजनीति को परवान चढ़ा रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा भी इस बार ग्वालियर राजघराने के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगे नतमस्तक हो गये ।
भारतीय जनता पार्टी में पिछले छह सालों में कई बुजुर्गवार और जनाधार वाले नेताओं को खारिज और दरकिनार किया गया है चाहे वे लाल कृष्ण आडवाणी हो या मुरली मनोहर जोशी, शत्रुघ्न सिन्हा हों या यशवंत सिन्हा । इन नेताओं के हश्र देखकर पार्टी के बाकी बचे जनाधार वाले नेताओं ने मोदी शाह की शरण में जाना ज्यादा बेहतर समझा ।
अब भाजपा में एक नई परिपाटी स्थापित कर दी गई है कांग्रेस के चमकदार चेहरे जो अपने नेतृत्व से असंतुष्ट हैं या नाराज़ हैं उन्हें भाजपा में शामिल कर महत्व देना । इस प्रक्रिया में भाजपा का जो देवदुर्लभ और ईमानदार कार्यकर्ता है उसकी जमकर उपेक्षा की जा रही है । मध्यप्रदेश के हालिया मंत्रिमंडल विस्तार और विभाग वितरण में ईमानदार कार्यकर्ता के साथ यह धांधली होती हुई नजर आई है ।
सिंधिया गुट को मलाईदार विभाग और सर्वाधिक हिस्सेदारी मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाने का इनाम है या मध्यप्रदेश की राजनीति में ईमानदार कार्यकर्ता के बदले मांड़वाली ( मुंबई के अपराध जगत के समझौते में उपयोग किया जाने वाला शब्द ) विचार योग्य है । हाल-फिलहाल तो भाजपा के स्थापित चेहरे जैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य जो सहज और सरल दिखते हैं , वर्तमान हालात में खलनायक से नजर आ रहे हैं ।

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