मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन बना सफ़ेद हाथी, बोझ बने 93 प्रवक्ता
जिस मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में प्रवक्ताओं की इतनी बड़ी फौज हो तो कोई सोच सकता है कि, उस पार्टी की इतनी दुर्गति होगी, लेकिन हो रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन की लिस्ट में वर्तमान में 93 प्रवक्ता हैं। इन पर सरकार पर तीखे हमले करने और पार्टी का एजेंडा जनता के बीच प्रचारित करने की जिम्मेदारी है। इनमें से मेें दो-चार प्रवक्ता तो कांग्रेस की छबि चमकाने में सक्रिय बने हुए हैं, लेकिन बाकी प्रवक्ताओं की बात करें, तो यह शोभा की वस्तु बनने के साथ पार्टी पर बोझा बन गए हैं।
दरअसल, अप्रैल 2018 में जब कमलनाथ मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे, उसके बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री शोभा ओझा को मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग का अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही कांग्रेस टेलेंट के जरिए प्रवक्ताओं की यह लंबी-चौड़ी फौज बनाई गई थी। इसके बाद मप्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व की सरकार भी बन गई और वह डेढ़ साल तक मध्यप्रदेश में राज करने के बाद चली भी गई, लेकिन प्रवक्ताओं की यह फौज मप्र कांग्रेस संगठन में यथावत बनी हुई है। प्रवक्ताओं की इस फौज में दो-चार प्रवक्ताओं को छोड़कर 89 प्रवक्ता सिर्फ शोभा की वस्तु बने हुए हैं। ये मप्र कांग्रेस की छबि चमकाने के लिए कहां-क्या काम कर रहे हैं खुद पीसीसी चीफ कमलनाथ को पता नहीं है।
*प्रवक्ताओं की एक भी बैठक नहीं*
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने दो साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस बीच वे डेढ़ साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे, लेकिन इन दो सालों में उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ताओं के साथ एक भी बैठक नहीं की है। बताते हैं कि कई दफे इस बारे में पदाधिकारियों द्वारा इस ओर नाथ का ध्यान दिलाया भी गया, लेकिन उन्होंने प्रवक्ताओं के साथ इस तरह की कोई बैठक करने में रूचि नहीं दिखाई है।
*सिर्फ चार प्रवक्ता सक्रिय*
बताते हैं कि मप्र कांग्रेस संगठन में 93 प्रदेश प्रवक्ता और 16 पैनलिस्ट प्रवक्ताओं सहित करीब 109 लोगों की लंबी-चौड़ी फौज है। लेकिन इनमें से मीडिया विभाग के प्रभारी जीतू पटवारी, मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष द्वय- भूपेंद्र गुप्ता, अभय दुबे, मीडिया कोआर्डिनेटर एवं प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा और प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ही सक्रिय देते हैं। बाकी प्रवक्ता क्या कर रहे हैं और कहां हैं, किसी को पता नहीं है।
*क्या है प्रवक्ताओं का काम*
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि मप्र कांग्रेस संगठन में प्रवक्ताओं की यह इतनी लंबी-चौड़ी फौज इसलिए बनाई गई थी कि वे सक्रिय रहकर सरकार की नींद हराम करेंगे और पार्टी के एजेंडे को जनता के बीच जोर-शोर से प्रचारित करेंगे। लेकिन इनमें ज्यादातर तो नाम के प्रवक्ता हैं। इनके पार्टी प्रवक्ता होने का कोई मतलब नहीं रह गया है।
*ज्हयादातर तो पार्टी के कम नेताओं के प्रवक्ता*
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की लिस्ट में जो 109 प्रवक्ता दर्ज हैं। इनमें ज्यादातर सक्रिय ही नहीं हैं और जो सक्रिय हैं उनमें कुछ सिर्फ अपने अपने नेता के लिए काम कर रहे हैं। वो कमलनाथ कांग्रेस, दिग्विजय कांग्रेस, अजय सिंह कांग्रेस और सुरेश पचौरी कांग्रेस के प्रवक्ता हैं। इनमें पार्टी के प्रति निष्ठा कम, अपने नेताओं के प्रति निष्ठा ज्यादा दिखाई देती है।