उत्तर प्रदेश सरकार ने दी कामगार और श्रमिक आयोग के गठन को मंजूरी , सीएम योगी होंगे अध्यक्ष

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लखनऊ,  प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कामगार तथा श्रमिकों के हितों को लेकर बेहद गंभीर है।
सरकार ने अब उनकी आर्थिक तथा सामाजिक सुरक्षा को लेकर आयोग का गठन किया है।
इस आयोग को आज लोकभवन में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी प्रदान की गई।
इसके साथ ही इलेकट्रॉनिक वाहनों के निर्माण व प्रोत्साहन को सरकार बढ़ावा देगी।
सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। इसमें नियम तोडऩे वाले को दोगुना जुर्माना भरना पड़ेगा।
मिर्जापुर में नया केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए मुफ्त जमीन दी जाएगी।
योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मंगलवार को बड़ा फैसला किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश कामगार
और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है।
जिससे प्रदेश के श्रमिकों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा पहले से ज्यादा सुदृढ़ होगी।
इस फैसले से प्रदेश के अंदर ही श्रमिकों एवं
कामगारों को कौशल विकास कर रोजगार के सुलभ अवसर उपलब्ध होगा
, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
कामगारों एवं श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के साथ उनके
सर्वांगीण विकास में इस आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई।
इसमें 15 बिन्दुओं पर चर्चा के बाद मंजूरी प्रदान की गई है।
इनमें उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु है।
उन्होंने कहा कि आयोग का मकसद निजी और गैरसरकारी क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर
श्रमिकों और कामगारों को उनके हुनर के अनुसार अधिकाधिक रोजगार मुहैया कराना
और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।
प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से तमाम गतिविधियां ठप हो गयीं।
इसका सबसे अधिक असर श्रमिकों और कामगारों पर पड़ा।
सर्वाधिक आबादी होने के नाते इनमें सर्वाधिक संख्या उप्र के श्रमिकों की थी।
यह प्रदेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर इसके वर्ग के तात्कालिक हित के लिए
कई कदम (1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता, राशन किट,
मनरेगा के तहत अधिकाधिक श्रम दिवसों का सृजन
और दक्षता के अनुसार औद्योगिक इकाईयों में समायोजन आदि) उठाए गये।
उन्होंने बताया कि श्रम एवं सेवायोजन आयोग गठित करते हुए मुख्मयंत्री ने कहा है कि
प्रभारी मंत्री और विधायक को जिला अधिकारी आयोग से संबंधित हर गतिविधि की रिपोर्ट देंगे।
प्रभारी मंत्री व विधायक हर महीने इसकी समीक्षा भी करेंगे
मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष
उच्चस्तरीय प्रशासकीय संस्था के अध्यक्ष मुख्यमंत्री या उनके द्वारा नामित कोई कैबिनेट मंत्री होगा।
श्रम एवं सेवा योजन विभाग के मंत्री संयोजक, मंत्री औद्योगिक विकास एवं
मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो उपाध्यक्ष होंगे।
अंशुल शर्मा राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता  ✍️

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