सीमा विवाद- तनाव घटा, चीन ने सैनिक और गाड़ियां पीछे हटाई,भारत ने भी कम किये सैनिक

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नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में गालवन क्षेत्र पर भारत और चीन के बीच अब तनाव घटने के संकेत मिल रहे हैं।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन ने गालवन में तैनात अपने सैनिक और बख्तरबंद गाड़ियां ढाई किलोमीटर पीछे बुला ली हैं।

भारत ने भी इस इलाके में तैनात अपने जवानों की तादाद कम की है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि सैनिकों को वापस लेने की प्रक्रिया रविवार देर रात और सुबह जल्दी शुरू हो गई थी।

मई की शुरुआत में ही सेना ने पीएम को जानकारी दी थी

4 मई को जब चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास अपनी सेना और गतिविधियां बढ़ानी शुरू की थीं,

तभी भारतीय सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट के सदस्यों को इस बारे में जानकारी दी थी।

न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि –

जब से चीन ने सीमा के पास अपनी ताकत बढ़ानी शुरू की तभी से भारतीय सेना ने भी उसे जवाब देने के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया था।

छह जून को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की बैठक हुई थी-

पूर्वी लद्दाख में सेनाओं के बीच तनाव खत्म करने पर भारत और चीन के बीच शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल के सैन्य कमांडरों के बीच चर्चा हुई थी।

विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि चीन शांति से पूरे विवाद को सुलझाने के लिए तैयार है।

मंत्रालय ने कहा था कि बातचीत बेहद शांतिपूर्ण और गर्मजोशी से भरे माहौल में हुई।

इस बात पर सहमति बनी कि मसले का जल्‍द हल निकलने से रिश्‍ते आगे बढ़ेंगे।

सोमवार को एलएसी पर नजर आए चीनी हेलीकॉप्टर-

दोनों सेनाओं के कमांडरों के बीच बातचीत के महज दो दिन बाद सोमवार को ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास चीन के हेलिकॉप्टर नजर आए।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि –

बीते 7-8 दिनों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के हवाई बेड़े की गतिविधियां ज्यादा बढ़ गई हैं और उसके हेलिकॉप्टर लगातार नजर आ रहे हैं।

हो सकता है कि सीमा के करीब कई इलाकों में तैनात चीन के सैनिकों को मदद पहुंचाने के लिए ये हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहे हों।

मई में दोनों सेनाओं के बीच तीन बार झड़प हुई
भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की लंबाई 3488 किलोमीटर की है।
इसी पर दोनों देशों में विवाद है।
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है।
इसके साथ ही कई जगहों पर सीमा विवाद है।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच मई में तीन बार झड़प हो चुकी है।
इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि –
भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं।
वास्तव में यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है।

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