केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (MSMEs), किसानों और रेहड़ी पटरी वाले के बारे में कई अहम फैसले लिए गए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। प्रकाश जावड़ेकर ने ब्रीफिंग की शुरुआत में कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणाओं को लागू करने के लिए रोडमैप तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में आत्मनिर्भर राहत पैकेज के तहत घोषित विभिन्न उपायों को मंजूरी मिल गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने भी हिस्सा लिया और अपने मंत्रालयों से जुड़े फैसलों को जानकारी दी। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को हुई।
MSME सेक्टर की परिभाषा को मिला विस्तार
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत सरकार ने आज एमएसएमई की परिभाषा को और विस्तार दिया है। सूक्ष्म उद्योगों के लिए सीमा एक करोड़ रुपये का निवेश और पांच करोड़ रुपये का टर्नओवर होगी। 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर वाले उद्योग छोटे उद्योगों के अंतर्गत आएंगे। वहीं, 20 करोड़ रुपये निवेश और 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाले उद्योग मध्यम उद्योगों की श्रेणी में आएंगे।
MSME सेक्टर के लिए इक्विटी स्कीम को कैबिनेट की मंजूर-
एमएसएमई के लिए इक्विटी स्कीम को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। अब एमएसएमई को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड होने के लिए सहूलियत मिलेगी। सरकार ने एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को भी मंजूरी दी है।
स्ट्रीट वेंडर के लिए क्रेडिट स्कीम को मिली मंजूरी-
कैबिनेट ने स्ट्रीट वेंडर के लिए क्रेडिट स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी है। जावड़ेकर ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज देने वाली स्कीम को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का नाम दिया गया है। इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वाले आसान शर्तों पर 10,000 रुपये तक लोन ले सकते हैं।
धनंजय सिंह (तकनीकी संवाददाता) राष्ट्रीय जजमेंट ✍️