मुस्लिम पक्ष अयोध्या मामले के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी या नहीं, फैसला आज

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अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू याचिका दाखिल किए जाने की उम्मीद बढ़ गई है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बुलावे पर शनिवार को नदवा पहुंचे मुस्लिम पक्षकारों ने रिव्यू दाखिल करने के बोर्ड के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आज होने वाली बैठक के बाद इसका एलान हो सकता है।

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के चेयरमैन मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में रविवार को नदवा में कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक होने जा रही है।

इसमें फैसले के खिलाफ रिव्यू दाखिल करने समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।

बोर्ड के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद की पैरोकारी कर रहे मुस्लिम पक्षकारों को शनिवार को नदवा बुलाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विचार-विमर्श किया।

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस पर असहमति जताते हुए रिव्यू दाखिल करने की घोषणा की थी।

बोर्ड का मानना रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहीं न कहीं आस्था की बुनियाद पर आधारित है।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के तमाम साक्ष्यों का संज्ञान लेकर मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण न होने की बात स्वीकार की लेकिन अपने फैसले में कहीं न कहीं साक्ष्यों की जगह आस्था को तरजीह दी।
बोर्ड मानता है कि रिव्यू दाखिल करना कानूनी प्रक्रिया होने के साथ ही सांविधानिक अधिकार भी है।
मुस्लिम पक्षकारों ने बोर्ड के विचारों पर अपनी सहमति जता दी है।

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बोर्ड की ओर से मुस्लिम पक्षकारों से महासचिव मौलाना वली रहमानी, सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी,
जफरयाब जीलानी, मौलाना अतीक बस्तवी ने चर्चा की।

बोर्ड के सचिव एडवोकेट जफरयाब जीलानी ने बताया कि बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब अली के प्रतिनिधि आजम,

स्व. हाजी अब्दुल अहद के बेटे हाजी असद, महफूजुर्रहमान और फारूख के बेटे उमर ने रिव्यू दाखिल करने पर सहमति दे दी है।

एक पक्षकार मिजबाहुद्दीन किन्हीं कारणों से नदवा नहीं पहुंच पाए, उन्होंने फोन पर अपनी सहमति दी है।

स्व. हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी भी नहीं पहुंच सके। उनसे कहा गया है
कि अगर वे सहमत हैं तो रविवार को बोर्ड की बैठक में शामिल हों।

सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी को भी बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा गया है।

जीलानी ने बताया कि पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्यों के सामने पक्षकारों की सहमति पर चर्चा की जाएगी।
बैठक में कोर्ट में रिव्यू दाखिल करने को लेकर फैसला किया जाएगा।
वकालतनामे पर हस्ताक्षर कराए जाने को लेकर उन्होंने बताया
कि महफूजुर्रहमान अपना अधिवक्ता बदलना चाहते थे,
इसलिए उनसे वकालतनामे पर हस्ताक्षर करवाया गया है।

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