फर्जीवाड़ा : अफसरों ने होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर वेतन हड़पा/मचा हड़कंप, सैलरी ऑडिट पूरे प्रदेश में करायी जाएगी

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यूपी में होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर उनका वेतन हड़पने का फर्जीवाड़ा सामने आने पर महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
मामले पर मीडिया से बातचीत में होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने बयान दिया कि
पूरे प्रदेश में होमगार्ड के वेतन का ऑडिट करवाया जाएगा
और फर्जीवाड़े की जांच डीआईजी होमगार्ड करेंगे।
बता दें कि जिलों में तैनात होमगार्ड विभाग के अफसरों पर फर्जीवाड़े को लेकर आरोप लगा है।
जिस पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।
फिलहाल गौतमबुद्घ नगर (नोएडा) में दो महीने की जांच में यह घोटाला सामने आया है।
मामले की जांच के लिए शासन की तीन सदस्यीय कमेटी नोएडा गई थी
जिससे10 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
होमगार्ड विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने आशंका जताई कि
अगर एक जिले में इस तरह की गड़बड़ी हो रही है,
तो अन्य जिलों में भी ऐसा संभव है।
उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड के सीनियर स्टाफ अफसर सुनील कुमार,
मिर्जापुर के वरिष्ठ जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह और बागपत की जिला कमांडेंट नीता भारती को जांच के लिए नोएडा भेजा गया है।
यह टीम पता लगाएगी कि पूरा फर्जीवाड़ा किस तरह से किया गया।
मॉडस अपरेंडी क्या थी? इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे?
 जानें, मामले की शिकायत से गड़बड़ी सामने आने की कहानी
एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने बताया कि होमगार्ड विभाग के एक प्लाटून कमांडर ने इसकी शिकायत की थी।
इसके बाद जिले स्तर पर सैंपल के लिए सात थानों में दो माह (मई व जून) के दौरान लगाई गई होमगार्डों की ड्यूटी की जांच कराई गई।
इसमें करीब 8 लाख रुपये का घपला सामने आया।
2 की ड्यूटी लगाई, 10 का वेतन हड़पा
कुछ मामले ऐसे भी हैं,
जहां थानों में दो होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई और 10 होमगार्ड की ड्यूटी दिखाकर वेतन लिया गया।

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इसके लिए थाने की फर्जी मोहर का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने कहा कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है। इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार अफसरों
और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
थाने व दफ्तर के फर्जी मोहर से चल रहा था खेल
होमगार्डों की ड्यूटी रोजाना लगाई जाती है।
इसके लिए होमगार्ड के अधिकारी मास्टर रोल तैयार करते हैं।
इसी में खेल किया गया। अगर किसी थाने या ऑफिस में 5 होमगार्डों की जरूरत है,
तो मास्टर रोल पर 5 के बजाय 10 या 12 होमगार्ड को ड्यूटी पर दिखाया जाता था।
इसके लिए संबंधित थाने व दफ्तर की फर्जी मुहर इस्तेमाल की जाती थी।
इसके एवज में उन होमगार्डों को भी कुछ पैसे मिलते थे,
जिनका फर्जी मास्टर रोल पर नाम होता था।
नोएडा पुलिस के अनुसार, जिले में करीब 500 होमगार्ड हैं।
इन्हें ड्यूटी करने पर रोजाना के हिसाब से 600 रुपये मिलते हैं।
कहां होती थी तैनाती
होमगार्डों की तैनाती थानों के अलावा पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के कार्यालय में तैनाती होती है।
साथ ही किसी कार्यक्रम, जुलूस, ट्रैफिक विभाग में भी ड्यूटी लगाई जाती है।

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