दिल्ली के नरेला में रविवार को जिस तरह गोलियां बरसाकर विरेंद्र मान उर्फ काले की हत्या की गई है,
इसे देखकर पुलिस अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि गैंगवार में ही बदमाशों ने हत्या को अंजाम दिया।
सूत्रों का दावा है कि विरेंद्र की नीरज बवानिया से नजदीकी थी।
वहीं कुछ दिन पूर्व अशोक विहार फेज-1 में राजेश बवानिया के करीबी और विरेंद्र के गांव के बबलू खेड़ा की हत्या हो गई थी।

उसमें विरेंद्र का एक साथी पकड़ा गया था। इसी बात पर विरेंद्र राजेश के निशाने पर था।
गैंगस्टर जितेंद्र गोगी और हरियाणा के कुछ बदमाशों से भी विरेंद्र की अनबन चल रही थी।
माना जा रहा है कि यह लोग वीरेंद्र की हत्या में शामिल हो सकते हैं।
पुलिस इन सभी दृष्टिकोण से मामले की छानबीन कर रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बात की पूरी आशंका है
कि विरेंद्र के जाने की बदमाशों को अच्छी तरह जानकारी थी।
इससे लगता है कि विरेंद्र के रूट की मुखबिरी पहले ही कर दी गई थी,
जिसके बाद उसकी हत्या हुई। इसी कड़ी में पुलिस को विरेंद्र के चालक दिनेश पर भी शक है।
पुलिस ने दिनेश से पूछताछ शुरू कर दी है।

इसके अलावा पुलिस ने शक के आधार पर कई लोगों के मोबाइल की सीडीआर भी निकलवाई है।
पुलिस दिनेश समेत छह लोगों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो देर शाम पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से कुछ अहम सुराग भी हाथ लगे हैं।
उसके आधार पर पुलिस की टीमें बाहरी दिल्ली के अलावा यूपी और हरियाणा के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं।
आठ टीमों का गठन कर 50 पुलिसकर्मियों को जांच में लगाया गया है।
स्थानीय पुलिस के अलावा जिले की सभी टीमें बदमाशों की धरपकड़ में लगी हैं।
विरेंद्र सुबह करीब 10.30 बजे लामपुर मोड़ के पास श्रीराम स्वरूप तिराहेे पर पहुंचा ही था
कि बदमाशों ने ओवरटेक कर विरेंद्र की कार को रुकवा लिया।
