अति पिछड़ी जातियों को प्रमाणपत्र बांटकर वाहवाही लूट रही है योगी सरकार: ओम प्रकाश राजभर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।

ओम प्रकाश राजभर

राजभर ने कहा है कि सरकार अति पिछड़ी जातियों को प्रमाणपत्र बांटकर वाहवाही लूटने का काम कर रही है। योगी सरकार यह स्पष्ट करे कि क्या सरकार के इस प्रमाण पत्र का उपयोग नौकियों में किया जा सकता है।
राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल का शिगूफा छोड़कर सरकार इन 17 जातियों को गुमराह कर यूपी में आगामी विधानसभा उपचुनाव में वोट लेने की तैयारी कर रही है। अगर योगी जी वास्तव में इन जातियों का विकास करना चाहते है तो आपके पास सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट आठ महीने से पड़ी है, इसको तत्काल लागू कर आगे जो भी भर्ती हो उसमे अति पिछड़ों की भागीदारी सुनिश्चित करें।
बीएसपी अध्‍यक्ष ने कहा, ‘मैंने खुद कई बार संसद में इसकी मांग की है ताकि नई जातियों को जोड़े जाने के बाद एससी कैटिगरी में शामिल पहले की जातियों को इसका नुकसान न हो। अब तक कांग्रेस या वर्तमान भाजपा सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया।’ मायावती ने कहा कि योगी सरकार ने असंवैधानिक आदेश जारी किया है। इसे कोर्ट ने पहले भी नकारा है। योगी सरकार ने इन 17 जातियों को धोखा दिया है और संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया है।
योगी सरकार के फैसले में जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की बात है, उनमें कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी व मछुआ शामिल हैं। इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की कवायद नई नहीं है। यह करीब बीते दो दशक से जारी है। सपा और बसपा सरकार में भी इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का फैसला लिया गया था, लेकिन तब भी बात नहीं बन सकी थी।

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