यूपी STF का बड़ा एक्शन, 500 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी करने वाला अंतर्राज्यीय गिरोह अरेस्‍ट

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जीएसटी चोरी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। एसटीएफ ने अलग-अलग राज्यों और यूपी के कई जिलों में बोगस फर्मों का पंजीकरण कर फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल के जरिए करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी करने वाले अंतर्राज्यीय संगठित गिरोह का खुलासा किया है। इस मामले में कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 90 बोगस फर्मों की कूटरचित मोहरें, 18 मोबाइल फोन, 54 विभिन्न बैंकों की चेकबुक और 54 डेबिट व क्रेडिट कार्ड समेत अन्य जरूरी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एसटीएफ के मुताबिक, यह गिरोह कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बोगस फर्में पंजीकृत कराता था। इन फर्मों के जरिए बिना किसी वास्तविक माल की खरीद-बिक्री के फर्जी सेल्स इनवॉइस और ई-वे बिल तैयार किए जाते थे। बाद में इन्हीं दस्तावेजों के जरिये वास्तविक फर्मों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) बेचा जाता था, जिससे वे जीएसटी रिटर्न में गलत लाभ दिखाकर सरकार को भारी राजस्व क्षति पहुंचाती थी। इन आरोपियों को गुरुवार को मेरठ स्थित एसटीएफ फील्ड यूनिट कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में दिलशाद मलिक, रमेश पटेल, अंकुर तिवारी, स्वतंत्र कुमार तिवारी, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद सोहेल, जावेद मलिक और इकरामुद्दीन शामिल हैं। पूछताछ में सामने आया कि मुख्य आरोपी दिलशाद मलिक मेरठ और गाजियाबाद में अकाउंटेंसी से जुड़े कार्यालयों को चलाता था। एसटीएफ के मुताबिक, यही से पूरे गिरोह की गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था। अन्य आरोपी उसके सहयोगी के रूप में फर्जी फर्मों के पंजीकरण, इनवॉइस तैयार करने, ई-वे बिल जनरेट करने और जीएसटी रिटर्न फाइल करने का काम करते थे।
एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में फर्जीवाड़े से जुड़ा सामान बरामद किया है। इसमें 90 बोगस फर्मों की कूटरचित मोहरें, 18 मोबाइल फोन, 54 विभिन्न बैंकों की चेकबुक, 54 डेबिट व क्रेडिट कार्ड, 7 पैन कार्ड, 5 आधार कार्ड, 4 वोटर कार्ड, 3 लैपटॉप, 25 बिलिंग से संबंधित फाइलें, 5 फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनियों की बिल-बुक, 2 सिम कार्ड और 2 रबर मोहर की डाई शामिल हैं। इसके अलावा चार कार और नकद रुपया भी बरामद किया गया है।
जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह ने मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा, लखनऊ, कानपुर, आगरा और वाराणसी समेत कई जिलों के पते पर बोगस फर्में बनाईं थी। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और दिल्ली समेत कई राज्यों में भी फर्जी फर्मों का नेटवर्क फैलाया था। अकेले आगरा में पंजीकृत शर्मा इंटरप्राइजेज नामक फर्म के जरिए करीब 137 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी किए जाने का मामला सामने आया है।

पूछताछ में सामने आया कि वास्तविक फर्मों के संचालक अपना जीएसटी नंबर, माल या सेवा का विवरण, मात्रा और कीमत की जानकारी व्हाट्सएप के जरिए आरोपियों को भेज देते थे। इसके बाद गिरोह बोगस फर्मों के नाम से फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल तैयार कर जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करता था। इन फर्जी लेन-देन को वास्तविक दिखाने के लिए बैंक खातों के माध्यम से रकम ट्रांसफर दिखाई जाती थी, जबकि असल में कैश या सर्कुलर ट्रेडिंग के जरिए रकम का समायोजन किया जाता था। ये कार्रवाई आगरा के लोहामंडी थाना में दर्ज धारा 467, 468, 471, 420 के तहत की गई है।

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