अरावली बचाओ अभियान: यूथ कांग्रेस की पदयात्रा और पिटिशन शुरू, बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप

नई दिल्ली: इंडियन यूथ कांग्रेस (आईवाईसी) ने अरावली पर्वत श्रृंखला को बचाने के लिए बड़ा अभियान छेड़ दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि यह फैसला उत्तर भारत की पर्यावरणीय सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जानबूझकर अरावली की परिभाषा बदलकर 90 प्रतिशत क्षेत्र में खनन का रास्ता खोल दिया है।

उदय भानु चिब ने कहा, “अरावली सिर्फ पहाड़ नहीं, बल्कि उत्तर भारत की रक्षा कवच है। यह 1.5 अरब साल पुरानी श्रृंखला दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और पश्चिमी यूपी में जल स्तर बनाए रखती है, प्रदूषण नियंत्रित करती है, रेगिस्तान के प्रसार को रोकती है और तापमान संतुलित रखती है। लेकिन बीजेपी सरकार ने पहले संस्कृति को प्रदूषित किया, अब पर्यावरण को नष्ट कर रही है।”

चिब ने सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2025 के आदेश की कड़ी आलोचना की, जिसमें 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे श्रृंखला का 90 प्रतिशत हिस्सा खनन के लिए खुल जाएगा। “सरकार ने ही यह प्रस्ताव कोर्ट को दिया। सुप्रीम कोर्ट की न्यूट्रल कमेटी सीईसी को भंग कर पर्यावरण मंत्रालय के जरिए यह साजिश रची गई।” उन्होंने राजस्थान की बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा और दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 50 नई खनन परमिशन दी गईं और पुरानी बंद खदानों को फिर खोलने की तैयारी है।

चिब ने आगे आरोप लगाया कि रेयर अर्थ मिनरल्स की खनन परमिशन शायद सरकार के ‘परम मित्र’ को फायदा पहुंचाने के लिए है। उन्होंने अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पेड़ कटाई के उदाहरण देते हुए कहा कि यह सब कॉरपोरेट हितों के लिए हो रहा है, जबकि आने वाली पीढ़ी का भविष्य खतरे में है।

आईवाईसी के अभियान की घोषणा करते हुए चिब ने बताया कि ‘अरावली सत्याग्रह’ नाम से ऑनलाइन पिटिशन शुरू की गई है, जिसमें एक लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। साथ ही 7 जनवरी से 20 जनवरी तक ‘अरावली सत्याग्रह यात्रा’ निकाली जाएगी, जो गुजरात बॉर्डर से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचेगी। इस दौरान अवैध खनन स्थलों का दौरा किया जाएगा और पूरे अरावली जोन को क्रिटिकल इकोलॉजिकल जोन घोषित करने की मांग की जाएगी।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आदेश की समीक्षा की अपील की और संसद में कानून बनाने की मांग उठाई। एक सवाल पर राहुल गांधी की भागीदारी के बारे में चिब ने कहा कि यह यूथ कांग्रेस का इनिशिएटिव है, आगे देखेंगे।

पर्यावरणविदों का कहना है कि अरावली का संरक्षण जरूरी है, वरना जल संकट, रेगिस्तान का प्रसार और प्रदूषण बढ़ेगा। दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि नई खनन लीज पर रोक है और 90 प्रतिशत क्षेत्र सुरक्षित रहेगा। लेकिन यूथ कांग्रेस का यह अभियान पर्यावरण मुद्दे पर सियासी जंग को और तेज कर सकता है।

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