यूपी में कड़ाके की ठंड; CM योगी ने अफसरों को किया अलर्ट, बोले- कोई भी खुले में न सोए, रातभर जलने चाहिए अलाव

 

 

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ती जा रही है. घने कोहरे से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगने लगा है. इसे लेकर सीएम योगी ने सूबे के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों और नगर निकायों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. कहा कि कोई भी व्यक्ति खुले में रात बिताने को मजबूर न हो. अफसर फील्ड में निकलें. लगातार निरीक्षण करते रहें.

मुख्यमंत्री ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के अधिकारियों को संबोधित किया. कहा कि शीतलहर से सबसे ज्यादा खतरा निराश्रितों, बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को होता है, इसलिए रैन बसेरों में सभी जरूरी सुविधाएं जैसे गर्म कंबल, हीटर, गर्म पानी, भोजन और चिकित्सा की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए.

लापरवाह अफसरों-कर्मियों पर होगी कार्रवाई : सीएम ने कहा कि रैन बसेरों का नियमित निरीक्षण हो. वहां किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लापरवाही करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम योगी ने निर्देश दिया कि सार्वजनिक स्थानों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौराहों और बाजारों में अलाव की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.

‘जरूरतमंदों को कराएं कंबल का वितरण’ : सीएम ने कहा कि अलाव में लकड़ी की कमी न हो. रातभर अलाव जलता रहे. जरूरतमंदों को कंबल का वितरण लगातार किया जाए. नगर निगम, नगर पालिका और ग्राम पंचायत स्तर पर टीमें गठित की जाएं जो रात में गश्त करें और खुले में सो रहे लोगों को तत्काल रैन बसेरों तक पहुंचाएं.
गौशालाओं में भी हों बेहतर इंतजाम’ : गौसंरक्षण के प्रति विशेष संवेदनशीलता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गौशालाओं में गौवंश को ठंड से बचाने के लिए अलाव, पुआल और छप्पर की समुचित व्यवस्था की जाए. गोशालाओं का भी नियमित निरीक्षण हो. ठंड के इस मौसम में जनता को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. अधिकारी डेस्क पर न बैठें, फील्ड में उतरें और खुद देखें कि व्यवस्थाएं धरातल पर कितनी प्रभावी हैं.

सीएम ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. कई जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और ठंड बढ़ने की चेतावनी दी है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को प्रतिदिन की रिपोर्ट मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने के लिए कहा है.

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