साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल म्यूल अकाउंट्स का सिंडिकेट ध्वस्त, दिल्ली पुलिस ने कई राज्यों से दबोचे 9 आरोपी

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की उत्तर जिला साइबर टीम ने ऑपरेशन साइ-हॉक 2.0 के तहत दो बड़े संगठित साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। ये गैंग पार्ट टाइम जॉब स्कैम, ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट और म्यूल बैंक अकाउंट्स के जरिए देशभर में लोगों को ठगते थे। पुलिस ने गुरुग्राम, जयपुर और गाजियाबाद में छापे मारकर नौ आरोपियों को दबोचा। उनके पास से आठ मोबाइल फोन, आठ सिम कार्ड और अन्य डिजिटल सबूत बरामद हुए।

उत्तर जिले के डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि पहला मामला साइबर नॉर्थ थाने में 7 अक्टूबर को दर्ज हुआ। दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र सुमन कुमार (21) ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत की कि व्हाट्सएप पर पार्ट टाइम जॉब का मैसेज आया। टेलीग्राम चैनल जॉइन करवाकर छोटे टास्क कराए और पैसे दिए। फिर पेड टास्क के नाम पर 93 हजार रुपये अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर करवाए। ज्यादा पैसे मांगने पर ठगी का पता चला। इसके बाद बीएनएस की धारा 318(4) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

इंस्पेक्टर रोहित गहलोत की निगरानी में इंस्पेक्टर मनीष कुमार की टीम ने जांच की। दूसरा मामला कई एनसीआरपी शिकायतों से जुड़ा, जहां ठगी का पैसा म्यूल अकाउंट्स से गुजरता था। एसबीआई के एक अकाउंट से लिंक मिले। प्रीलिमिनरी इंक्वायरी के बाद एफआईआर, धारा 112(2)/317(5) बीएनएस दर्ज हुई। एसआई सुमित बंसल की टीम ने जांच की। दोनों टीमों को एसीपी विदुशी कौशिक की गाइडेंस मिली।

डीसीपी ने बताया कि टीमों ने 100 से ज्यादा नंबरों के सीडीआर, आईएमईआई, मनी ट्रेल और डिजिटल फोरेंसिक की जांच की। आरोपी लोकेशन बदलते रहते थे, लेकिन सर्विलांस से गुरुग्राम, जयपुर और गाजियाबाद में पकड़े गए। पहली केस में हिमांशु शर्मा, चात्रा अभिजीत लांबा और साहिल जोशी; दूसरी में मन्नू, अजय, अनिकेत, गणेश राठी, परवीन और पीयूष गिरफ्तार हुए। पूछताछ में पता चला कि आरोपी म्यूल और कॉर्पोरेट अकाउंट्स खरीदते थे। ठगी का पैसा इनमें आता, एटीएम-चेक से निकालकर टेलीग्राम बायर्स को क्रिप्टो में बदलते और हैंडलर्स को भेजते। इंस्टाग्राम और टेलीग्राम से संपर्क रखते थे। गिरफ्तार आरोपी ज्यादातर युवा और बेरोजगार हैं। जांच जारी है और सिंडिकेट के अन्य लिंक्स खंगाले जा रहे हैं।

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