सीएम योगी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में किया संबोधन, संघ की फंडिंग पर बड़ा बयान

राष्ट्रीय जजमेंट 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को आयोजित दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव कार्यक्रम में सीएम योगी और आरएसएस चीफ मोहन भागवत पहुंचे थे। कार्यक्रम गीता के उपदेशों, समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के संदेशों से भरपूर रहा। इस दौरान सीएम योगी ने पहली बार खुले मंच से संघ की फंडिंग पर उठ रहे सवालों का करारा जवाब दिया है।सीएम योगी ने कहा कि आरएसएस की फंडिंग को लेकर दुनिया से आए अंबेसडर, हाई कमिश्नर्स हमसे पूछते हैं कि आरएसएस की फंडिंग कहा से आती है। इसपर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने पूरे सौ वर्षीय इतिहास में कभी भी सेवा के साथ सौदेबाजी नहीं की। संघ को कोई विदेशी देश, संस्था या बाहरी संगठन फंड नहीं करता है। आरएसएस समाज के सहयोग, लोगों की निःस्वार्थ भावना और राष्ट्रप्रेम से चलता है। सीएम योगी ने गीता के श्लोकों का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां सत्य और धर्म का मार्ग होता है, वहीं विजय मिलती है।मुख्यमंत्री ने कहा कि अधर्म के मार्ग पर चलने वालों की जीत कभी संभव नहीं होती है। गीता का ज्ञान केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक है। आज के परिवेश में भी श्रीमद्भगवद् गीता मानवता को सही दिशा देने में सक्षम है। सीएम ने कहा कि आरएसएस ने बीते 100 वर्षों में समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और बिना किसी स्वार्थ के सामाजिक उत्तरदायित्व को सर्वोच्च स्थान दिया है।
इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि गीता मूल में पढ़नी चाहिए, समझ लेनी चाहिए, तो पता चलेगा। गीता का और एक गुण विशेष ऐसा है कि हर बार आप चिंतन करते हो, तो हर बार आपको नई बात मिलती है। जो भी स्थिति में आपको उपयोगी लगती है, क्योंकि वो सब कुछ है, उससे सदा-सर्वदा, सब परिस्थितियों के लिए सब उपाय मिलते है। मोहन भागवत ने कहा कि भगवान ने पहली बात बताई कि तुम समस्या को टालने का प्रयास कर रहे हो, भागने का प्रयास कर रहे हो।आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पहली बात है कि भागो मत, खड़े रहो, समस्या आई, उसका सामने से मुकाबला करो। समस्या का निदान पाना है, तो दाएं-बाएं नहीं देखना है। समस्या के अंदर घुसकर निदान करना पड़ता है और इसलिए खड़े रहो, भागो मत। वहीं सीएम योगी ने कहा कि दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव की जब हम बात करते हैं तो श्रीमद् भागवत गीता के 700 श्लोक जिन्हें हर भारत का सनातन धर्मावलंबी जीवन का मंत्र मानकर बड़ी पवित्रता के साथ, बड़े आदर भाव के साथ उन्हें आत्मसात करने का प्रयास करता है। वह हम सबके सामने 18 अध्यायों की 700 श्लोकों की श्रीमद् भागवत गीता हर सनातन धर्मावलंबी के सामने आती हुई और एक नई प्रेरणा देती हुई दिखाई देती है।

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