‘समाज के सहयोग से खड़ा हो रहा संगठन’, सीएम योगी बोले- संघ ने 100 वर्षों में सेवा के साथ कोई सौदेबाजी नहीं की

लखनऊ : राजधानी के जनेश्वर मिश्र पार्क में पहली बार आयोजित हुए दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए. दोनों ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी को श्रीमद् भागवत गीता की प्रति भी संत ज्ञानानंद ने भेंट की. इस दौरान सीएम ने कहा कि राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ हर पीड़ित संग खड़ा होना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा है. आरएसएस ने पिछले 100 वर्षों में सेवा के साथ कोई सौदेबाजी नहीं की, लेकिन कुछ लोगों ने दुनिया व भारत में सेवा को ही सौदे के माध्यम बनाया है. वे लोभ, लालच और दबाव से भारत की डेमोग्राफी को बदलने के लिए छल व छद्म का सहारा लेकर अपना ताना-बाना बदलकर भारत की आत्मा पर प्रहार करने का प्रयास कर रहे हैं. इन स्थितियों में भगवान की वाणी श्रीमद्भगवदगीता नई प्रेरणा बन सकती है.मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भगवद गीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोक को भारत का हर सनातन धर्मावलंबी जीवन का मंत्र मानकर आदर भाव के साथ आत्मसात करने का प्रयास करता है. श्रीमद्भगवद गीता नई प्रेरणा देती दिखाई देती है. श्रीमद्भगवद गीता धर्म से ही शुरू होती है और अंत में भी उसी मर्म के साथ विराम लेती है.उन्होंने कहा कि गीता धर्म की वास्तविक प्रेरणा है. हमने धर्म को उपासना विधि मात्र नहीं माना है. उपासना विधि उसका छोटा सा भाग है. हर व्यक्ति अपने पंथ, संप्रदाय, उपासना विधि के अनुरूप आस्था को तय कर लेता है, लेकिन मुख्य रूप से धर्म हमारे यहां जीवन जीने की कला है. हमने इसे ही ‘वे ऑफ लाइफ’ के रूप में कहा है.मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्रीमद्भगवद गीता भगवान की दिव्य वाणी है. सीएम ने श्लोक ‘धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः’ सुनाया. कहा दुनिया में कहीं भी ऐसा नहीं होता होगा, जहां युद्ध का मैदान धर्म क्षेत्र के रूप में जाना जाता हो, लेकिन हमने हर कर्तव्य को पवित्र भाव के साथ माना है. अच्छा करेंगे तो पुण्य और गलत करेंगे तो पाप के भागीदार बनेंगेसीएम योगी ने मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत को निष्काम कर्म का प्रेरणास्रोत बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रम से जुड़ रहा है. दुनिया से आए अंबेसडर, हाई कमिश्नर्स हमसे पूछते हैं कि आप लोगों का आरएसएस से जुड़ाव है, तब हम कहते हैं कि हां! हमने स्वयंसेवक के रूप में कार्य किया है.वे इसकी फंडिंग का पैटर्न पूछते हैं, तब हम बताते हैं कि यहां ओपेक के देश या इंटरनेशनल चर्च पैसा नहीं देता. यहां संगठन समाज के सहयोग से खड़ा हो रहा है और समाज के लिए हर क्षेत्र में समर्पित भाव से कार्य करता है. किसी भी पीड़ित की जाति, मत-मजहब, क्षेत्र, भाषा की परवाह किए बिना हर स्वयंसेवक उसकी सेवा को ही अपना कर्तव्य मानता है.सीएम ने कहा कि राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ हर पीड़ित संग खड़ा होना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा है. आरएसएस ने पिछले 100 वर्षों में सेवा के साथ कोई सौदेबाजी नहीं की, लेकिन कुछ लोगों ने दुनिया व भारत में सेवा को ही सौदे के माध्यम बनाया है. वे लोभ, लालच और दबाव से भारत की डेमोग्राफी को बदलने के लिए छल व छद्म का सहारा लेकर अपना ताना-बाना बदलकर भारत की आत्मा पर प्रहार करने का प्रयास कर रहे हैं. इन स्थितियों में भगवान की वाणी श्रीमद्भगवदगीता नई प्रेरणा बन सकती है.’140 करोड़ लोगों के लिए दिव्य मंत्र है गीता’ : सीएम योगी ने स्वामी ज्ञानानंद का अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने जिओ गीता को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसे बहुत छोटे-छोटे उदाहरण के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है. श्रमिक, किसान, महिला, छात्र, नौजवान, नौकरीपेशा, चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यापारी, योद्धा, सैनिक के लिए गीता की प्रेरणा क्या है, उन्होंने इसे जिओ गीता के माध्यम से प्रस्तुत किया है. उनकी छोटी-छोटी पुस्तकें अत्यंत प्रेरणादाई होती हैं. श्रीमद्भगवदगीता केवल जेल के कैदियों के लिए नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों के लिए दिव्य मंत्र है. यह जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करने के साथ ही जीवन जीने की कला का मार्ग है. हर व्यक्ति को इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए.आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जैसे अर्जुन मोहग्रस्त हुआ था वैसे दुनिया आज हो गई है. दुनिया मोहग्रस्त होकर बैठी है. कुछ सोच नहीं रहा है. अर्थ और काम की कोई कमी नहीं उसके बावजूद धर्म का पालन करने वाला हजारों साल तक जीता रहता है. युगों युगों से धर्म ग्रंथो से जो ज्ञान स्थिर हुआ है, उसका सर श्रीमद् भागवत गीता है. उन्होंने कहा कि अर्जुन आसानी से मोहग्रस्त होने वाला व्यक्ति नहीं था. ऐसा मजबूत व्यक्ति जब मोहग्रस्त हो गया तब गीता का उपदेश दिया गया था.ये हस्तियां रहीं उपस्थित : कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत, जियो गीता के संस्थापक स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, अखिल भारतीय आचार्य महासभा के महासचिव स्वामी परमात्मा नंद, श्रीधराचार्य जी महाराज, संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’, स्वामी धर्मेंद्र दास जी महाराज, रामचंद्र दास जी महाराज, स्वामी शशिकांत दास जी महाराज, रामलाल, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, कार्यक्रम संयोजक मणि प्रसाद मिश्र उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम में मंच से ही वंदे मातरम गीत का गायन हुआ.

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