तिल्लू ताजपूरिया गैंग के 2 गुंडे हथियारों संग धराए, टारगेट किलिंग की साजिश बेनकाब

नई दिल्ली: द्वारका जिला पुलिस की एंटी ऑटो थीफ्ट स्क्वायड (एएटीएस) ने तिल्लू ताजपूरिया गैंग के दो सक्रिय अपराधियों को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार कर एक बड़ी हत्याकांड की साजिश को नाकाम कर दिया। गिरफ्तार अभियुक्त पर्थ (22) और विक्रांत (21), दोनों अंब्राही गांव के निवासी, गैंग के सरगना अमित उर्फ दबंग के इशारे पर टारगेट को ठिकाने लगाने की फिराक में थे। पुलिस ने इनके कब्जे से दो देशी कट्टे, तीन जिंदा कारतूस, एक चोरी की स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल और जंगी ऐप वाला मोबाइल बरामद किया।

द्वारका के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि 4-5 नवंबर की मध्यरात्रि में गुप्त सूचना मिली थी कि अंब्राही गांव में रहने वाले कुछ लड़के तिल्लू ताजपूरिया गैंग में भर्ती होकर हथियारों के साथ टारगेट एलिमिनेशन की योजना बना रहे हैं। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एएटीएस इंचार्ज इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में एसीपी ऑपरेशंस राम अवतार की देखरेख में टीम गठित की गई।

5 नवंबर को एचसी जय प्रकाश की अगुवाई वाली टीम ने धुलसीरस चौक के पास पर्थ को दबोच लिया। उसके कब्जे से एक लोडेड देशी कट्टा, जंगी ऐप वाला एमआई मोबाइल और द्वारका साउथ से चोरी की काली स्प्लेंडर प्लस बाइक बरामद हुई। पर्थ के खुलासे पर 7 नवंबर को अंब्राही गांव के पास विक्रांत को भी पकड़ा गया। उसके पास एक और लोडेड देशी कट्टा और जेब से अतिरिक्त जिंदा कारतूस मिला। दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 25/54/59 और बीएनएस की धारा 317(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इससे द्वारका साउथ की एक ई-एफआईआर भी सुलझ गई।

डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में पर्थ ने कबूल किया कि गांव में निजी दुश्मनी के चलते उसने जंगी ऐप के जरिए अमित उर्फ दबंग से संपर्क किया। गैंग ने हथियार और नकदी मुहैया कराई तथा विक्रांत को भर्ती करने को कहा। दोनों कुंडली (हरियाणा) के होटलों में अन्य गैंग सदस्यों से मिलते थे। अनपढ़ विक्रांत, जो क्लीनर का काम करता था, आसान कमाई के लालच में गैंग में शामिल हुआ। आगे की जांच जारी है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More