साइबर ठगों पर दिल्ली पुलिस का शिकंजा: 4 सिंडिकेट ध्वस्त, 6 गिरफ्तार, लाखों की ठगी बेनकाब

नई दिल्ली: पश्चिम दिल्ली में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस की एक सप्ताह की विशेष मुहिम ने चार बड़े फ्रॉड सिंडिकेटों का पर्दाफाश कर दिया। साइबर वेस्ट थाने की टीम ने डिजिटल अरेस्ट, फर्जी वर्क फ्रॉम होम जॉब, बीएसईएस मैलिशियस एपीके और साइबर स्टॉकिंग-ब्लैकमेल जैसे मामलों में छह शातिरों को गिरफ्तार किया। हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक फैले इस नेटवर्क से लाखों रुपये की ठगी उजागर हुई। सात मोबाइल फोन, तीन एटीएम कार्ड, दो चेकबुक, एक पासबुक और दो सिम कार्ड बरामद हुए।

पहला मामला डिजिटल अरेस्ट का है। 8 जुलाई 2024 को एक महिला से व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर खुद को पुलिस अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग के बहाने 11.75 लाख रुपये ठगे गए। फरीदाबाद के बल्लभगढ़ से शिवा (19) और पुनीत कुमार उर्फ साहिल (22) को पकड़ा गया। दोनों बेरोजगार हैं और म्यूल अकाउंट चलाते थे। एसआई अरविंद सिंह की टीम ने तकनीकी सुरागों से कार्रवाई की।

दूसरा फ्रॉड वर्क फ्रॉम होम का। गूगल मैप्स रिव्यू के नाम पर एक महिला से 2.74 लाख रुपये लूटे गए। जयपुर के उदयपुरिया से फूल विक्रेता अंकित सोनकारीया (19) गिरफ्तार। वह कमीशन पर ठगी की राशि बांटता था। एसआई तरुण राणा की टीम ने छापा मारा।

तीसरा रैकेट बीएसईएस मीटर वेरिफिकेशन के फर्जी एपीके का। गुरजीत सिंह से 16.52 लाख रुपये ठगे गए। अलीगढ़ से लवलेश कुमार (22, फार्मेसी डिप्लोमा) और हरभजन (24, बीएससी) पकड़े गए। दोनों ने कई बैंक अकाउंट खोले थे। एसआई अंकुर ओहलान की टीम ने गुरुग्राम, नोएडा और अलीगढ़ में छापे मारे।

चौथा मामला साइबर स्टॉकिंग का। एक महिला के निजी वीडियो लीक कर 3 लाख की मांग की गई। रान्होला एक्सटेंशन से दिल्ली यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट गुल्फाम अंसारी (25) धरा गया। डब्ल्यू/एसआई निधि शर्मा की टीम ने तकनीकी निगरानी से कार्रवाई की।

डीसीपी दारड़े शरद भास्कर की देखरेख में एसएचओ विकास कुमार और एसीपी विजय सिंह ने मुहिम चलाई। चार केस सुलझे। पुलिस ने अपील की कि संदिग्ध कॉल या लिंक पर सतर्क रहें और 1930 पर रिपोर्ट करें।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More