शाहजहांपुर में प्रिंटिंग प्रेस पर छापा, दिल्ली-यूपी FICN सिंडिकेट ध्वस्त; तीन शातिर रंगे हाथों पकड़े

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की सेंट्रल रेंज ने अंतरराज्यीय नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। रंगे हाथों पकड़े गए आरोपियों के पास से 3 लाख 24 हजार रुपये के जाली नोट, 122 अधबने प्रिंटिंग शीटें, हाई-क्वालिटी प्रिंटर, स्पेशल केमिकल-पाउडर और सिक्योरिटी फीचर्स बनाने का पूरा सामान बरामद हुआ। गिरोह दिल्ली, बरेली और शाहजहांपुर को जोड़कर नकली नोट छापकर बाजार में खपाता था।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी विक्रम सिंह ने बताया कि एएसआई दीपक कुमार को 30 अक्टूबर को गुप्त सूचना मिली थी कि दिल्ली में एक बड़ा गिरोह 500 रुपये के जाली नोट सर्कुलेट कर रहा है। इसके बाद क्राइम ब्रांच थाने में धारा 179/180 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर विनय कुमार के नेतृत्व में एसीपी राजबीर मलिक की देखरेख में विशेष टीम गठित की गई।

टीम ने सबसे पहले दिल्ली के नॉर्थ गेट मॉल इलाके से राकेश अरोड़ा (50), पुत्र स्व. सोमनाथ, निवासी विजय नगर को दबोचा। तलाशी में उसके पास से 500 रुपये के 420 जाली नोट (कुल 2,10,000 रुपये) बरामद हुए। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि नोट शाहजहांपुर के विवेक कुमार मौर्य से उसके भाई रवि अरोड़ा के जरिए आते थे।

राकेश के बयान पर टीम शाहजहांपुर पहुंची। कोतवाली पुलिस की मदद से मोहल्ला बक्सारोया, चार खंभा के पास रवि अरोड़ा (50), पुत्र स्व. बनारसी लाल के घर दबिश दी। वहां से 500 रुपये के 35 जाली नोट, दो और नोट, विवेक का मेडिकल सर्टिफिकेट और वीवो टी1 5जी मोबाइल बरामद हुआ। एफएसएल टीम ने मौके पर जांच की।

रवि के इशारे पर टीम ने एसबीआई शाहजहांपुर शाखा से राकेश के यूपीआई ट्रांजेक्शन का पता लगाया। अकाउंट गौरव मिश्रा के नाम था, जो विवेक का फर्जी था। इसके बाद सदर बाजार, आर्य समाज मंदिर के पास किराए के मकान पर छापा मारा। वहां विवेक कुमार मौर्य (32), पुत्र राजेंद्र कुमार मौर्य को कंप्यूटर-प्रिंटर पर नोट छापते रंगे हाथों पकड़ा गया। मकान से 122 अधबने शीटें, हरे रंग की टेप, स्पेशल पेपर, एम्बॉसिंग पाउडर, गौरव मिश्रा के नाम का पैन कार्ड और एसबीआई पासबुक बरामद हुए। पूरी कार्रवाई वीडियोग्राफी के साथ सील नंबर सीआर-2 में सीज की गई।

डीसीपी विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपी रवि अरोड़ा का पुराना रिकॉर्ड 2008 में हत्या के प्रयास और 2024 में बरेली FICN केस से जुड़ा हुआ है। वहीं, आरोपी विवेक मौर्य का आपराधिक इतिहास 2017 में डकैती-हत्या के प्रयास, 2021 में चोरी, 2023 में FICN और 2024 में बरेली FICN केस शामिल है। गिरोह फर्जी पहचान और यूपीआई से पेमेंट लेकर नोट सप्लाई करता था। नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है। आगे की जांच में और साथी पकड़े जाएंगे।

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