जेएनयू चुनाव: अभाविप का विकास एजेंडा, स्पोर्ट्स कोटा से AI लैब तक: अभाविप का जेएनयू मैनिफेस्टो जारी

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनावी सरगर्मी के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने खुलकर अपना एजेंडा पेश किया है। संगठन ने वामपंथी दलों की नकारात्मक राजनीति को दरकिनार करते हुए पारदर्शिता, विकास और छात्रों की वास्तविक समस्याओं पर जोर दिया। सचिव पद के उम्मीदवार राजेश्वर कांत दुबे और संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी अनुज ने स्पष्ट किया कि जेएनयू को अब विरोध का अखाड़ा नहीं, बल्कि शोध-नवाचार और जवाबदेही का केंद्र बनना चाहिए।

अनुज ने कहा, “जेएनयू के छात्रों में अपार प्रतिभा है, लेकिन संसाधनों की कमी उन्हें पीछे खींचती है। हम स्पोर्ट्स कोटा लागू करेंगे, खेल मैदानों-जिम का नवीनीकरण करेंगे और विज्ञान छात्रों के लिए आधुनिक लैब व एआई आधारित शिक्षा शुरू करेंगे।” उन्होंने वामपंथी राजनीति को “राजनीतिक प्रयोगों का मंच” करार देते हुए कहा कि अभाविप का लक्ष्य जेएनयू को शोध का हब बनाना है।

वहीं, राजेश्वर कांत दुबे ने प्रशासनिक पारदर्शिता पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “सीपीओ मैनुअल जैसे असंवेदनशील प्रावधानों की समीक्षा होगी। प्रशासनिक निर्णयों में छात्र भागीदारी अनिवार्य होगी।” अभाविप ने स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, पुस्तकालयों का डिजिटलीकरण, रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम और छात्रवृत्तियों में पारदर्शिता का वादा किया।

अभाविप के केंद्रीय चुनाव समन्वयक अरुण श्रीवास्तव ने दावा किया कि छात्र अब वामपंथी नकारात्मकता से ऊब चुके हैं। उन्होंने कहा, “राष्ट्रवादी विचारधारा और विकास ही जेएनयू का भविष्य है। अभाविप सिर्फ आवाज नहीं उठाती, ठोस परिणाम भी देती है।” संगठन का दावा है कि छात्रों में उसका समर्थन तेजी से बढ़ रहा है।

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