ममता कुलकर्णी बोलीं- दाउद इब्राहिम से मेरा कोई लेना-देना नहीं, जिससे मेरा नाम जुड़ा, उसने कभी बॉम्ब ब्लास्ट नहीं किया

राष्ट्रीय जजमेन्ट

गोरखपुर : ‘दाउद से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, किसी एक का नाम जरूर था, लेकिन उसने कोई बॉम्ब ब्लास्ट या एंटी नेशनल चीज नहीं की देश के अंदर. मैं उसके साथ तो नहीं हूं लेकिन ही इज नॉट सम टेररिस्ट. दाउद से जीवन में मैं कभी नहीं मिली हूं’.ये कहना है एक्ट्रेस से साध्वी बनीं ममता कुलकर्णी का. वह इन दिनों गोरखपुर के दौरे पर हैं. वह किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी किन्नर के साथ पीपीगंज में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचीं थीं. इस दौरान मंगलवार को मीडिया से उन्होंने बातचीत की. प्रेसवार्ता में ममता कुलकर्णी के साथ किन्नर अखाड़ा परिषद की महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कनकेश्वरी नंद गिरी भी मौजूद थीं.बयान सुर्खियों में आया तो दी सफाई : ममता का यह बयान सुर्खियों में आ गया. सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर भी उनका यह वीडियो आ गया. लोग उनके बयान के अलग-अलग मायने निकालने लगे. इसके बाद गुरुवार को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो साझा कर सफाई दी. कहा कि मीडिया ने इसे बिना वजह तूल दे दिया. वापस लोग उस वीडियो को देखें. वहीं इसके कुछ ही घंटे बाद उन्होंने एक होटल में फिर से मीडिया से बातचीत की.अब पढ़िए ममता ने इंस्टाग्राम पर जारी वीडियो में क्या कहा : ‘नमस्ते! मैं महामंडलेश्वर यमाई ममतानंदगिरी. मैं कल गोरखपुर पहुंचीं. छठी मैया के महाभंडारे में, उसके पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. जिसमें मुझसे दाउद इब्राहिम के बारे में प्रश्न पूछा गया कि आपका नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से जुड़ा है. इस पर मैंने प्रेस वाले को बोला कि न ही मेरा नाम कभी दाउद इब्राहिम से जुड़ा है, और न ही मैंने उसे आज तक कभी देखा है, और न ही उससे मिली हूं’.’साधु-संत अपने विवेक का इस्तेमाल करें’ : ममता ने आगे कहा कि ‘ऐसे में इस प्रश्न का कोई सवाल नहीं उठता है, जिससे मेरा नाम जुड़ा था, उसका नाम है विक्की गोस्वामी, आपने कभी सुना कि विक्की गोस्वामी ने इधर ब्लास्ट किया, या देश के किसी एंटी नेशनल एलीमेंट में काम किया. मेरा दाऊद से कोई लेना-देना है. बस इतना ही मैंने बोला, प्रेस ने इस चीज को उछाल दिया. मैं चाहती हूं कि वापस मेरा वही इंटरव्यू हो. शांतिपूर्वक उसे सुनें, बाकी जो साधु-संत हैं, मैं चाहती हूं कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल करें. वापस वीडियो देखें, मैंने क्या बोला?. मैंने बोला है कि मेरा दाउद से कोई लेना-देना नहीं है. जय भवानी’वहीं दूसरी ओर अपने गोरखपुर दौरे के दौरान ममता कुलकर्णी बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने भी पहुंचीं. उन्होंने नाथ संप्रदाय में अपनी विशेष आस्था जताई.’गुरु के चरणों में आकर मिला आत्मसंतोष’ : मंगलवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने फिल्मों में काम करने के बाद संत समाज में आने पर कहा कि मुझे प्रसिद्धि खूब मिली लेकिन आत्मसंतोष गुरु के चरणों में आकर मिला. मैं एक ब्राह्मण परिवार से आती हूं. दादी ने मेरा नाम यमाई रखा था. मेरा नाथ संप्रदाय से आध्यात्मिक जुड़ाव है. मैं नाथ संप्रदाय से जुड़े महंत और इतिहास के अलावा साहित्य को पढ़कर लंबा अनुभव प्राप्त कर चुकी हूं. गोरखनाथ बाबा की लंबे समय से दर्शन की इच्छा थी, यह आज पूरी हो गई.’मैं कट्टर हिंदूवादी, दाउद इब्राहिम आतंकवादी’ : गुरुवार को ममता कुलकर्णी ने गोरखनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद एक होटल में फिर से मीडिया से बातचीत की. कहा कि जिस सवाल के जवाब में उनका वीडियो दिखाया जा रहा है, ऐसा उन्होंने कुछ भी नहीं कहा. दाउद इब्राहिम आतंकवादी है. उसकी वजह से हमारे मासूम बच्चों को जान गंवानी पड़ी, वह हत्यारा है.
‘मेरे शब्दों को अलग ढंग से दिखाया गया’ : ममता ने आगे कहा कि मैंने विक्की गोस्वामी को भी काफी पीछे छोड़ दिया है. गोस्वामी का अंडरवर्ल्ड से कोई रिश्ता नहीं था. अब मैं धर्म की राह पर चल पड़ी हूं. 25 वर्षों में मुझे ब्रह्म विद्या का ज्ञान हुआ है. मैं सनातन धर्म के प्रचार के लिए आगे चलूंगी. कल मेरे शब्दों को वाकई में अलग ढंग से दिखाया गया. मेरा कभी किसी एंटी नेशनलिस्ट से संबंध हो ही नहीं सकता, मैं कट्टर हिंदूवादी हूं.
ममता ने कहा कि मैं बॉलीवुड की सुपरस्टार थी, मुझे यह सब (भगवा) धारण करने की कोई जरूरत नहीं थी. मुझे कोई शक्ति देने के लिए आगे आ रहा था तो हमने उसे धारण किया. 25 साल मैंने ध्यान-तप किया है. इसका मुझे ज्ञान है, जिसको मजाक उड़ाना है उड़ाने दो.महाकुंभ के दौरान भी सुर्खियों में थीं ममता : 90 के दशक की मशहूर अदाकारा ममता कुलकर्णी कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं. आखिरी बार वह साल 2002 में फिल्म ‘कभी तुम कभी हम’ में पर्दे पर नजर आईं थीं. इसके बाद वह देश छोड़कर चली गईं थीं. इसके बाद वह 25 साल बाद 2024 के अंत में भारत लौटीं. इसके बाद महाकुंभ 2025 के दौरान उन्हें विधि-विधान से किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया. इसका भी कुछ लोगों ने विरोध किया था. बाद में ममता ने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने इस फैसले को गलत कदम बताया था.’ऐसे लोगों को संत पदवी से हटा देना चाहिए’ : योग साधना आश्रम के प्रमुख यशवीर महाराज ने मुजफ्फरनगर में ममता कुलकर्णी पर निशाना साधा. कहा कि ऐसे लोगों को संत पदवी से वंचित कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि दाऊद ने मुंबई में सैकड़ों निर्दोषों की हत्या कराई. अखाड़े ने ममता को संन्यासी की पदवी दी है. संत बनना आसान नहीं, इसके लिए राष्ट्रभक्ति अनिवार्य है.

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